नई दिल्ली: लोकसभा में तीखी बहस, विपक्ष नेता ने गृहमंत्री को डिबेट का चैलेंज दिया *SOHB* #32
लोकसभा में बुधवार, 10 दिसंबर को चुनाव सुधार पर हुई चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता राहुल गांधी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बीच तीखी बहस हुई। गृहमंत्री के भाषण के दौरान राहुल गांधी ने उन्हें एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के मुद्दे पर डिबेट करने का चुनौती दी, जिसे शाह ने यह कहते हुए ठुकरा दिया कि वे स्वयं तय करेंगे कि क्या बोलना है। आखिर में कांग्रेस सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
विस्तृत खबर:
पार्लियामेंट में तल्ख़ माहौल और वॉकआउट
बुधवार को लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा का जवाब देते हुए गृहमंत्री अमित शाह और विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बीच तीखी बहस हुई। इस दौरान राहुल गांधी ने गृहमंत्री को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के मुद्दे पर खुली डिबेट का चैलेंज दिया। इस पर गृहमंत्री ने जवाब दिया कि उनके बोलने का क्रम वे स्वयं तय करेंगे। बहस के बाद कांग्रेस के सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। वॉकआउट के बाद विपक्ष के नेता ने दावा किया कि गृहमंत्री ने उनके सवालों के सीधे जवाब नहीं दिए।
चुनावी मुद्दों पर गृहमंत्री के तर्क
अपने करीब डेढ़ घंटे के भाषण में गृहमंत्री अमित शाह ने कई चुनावी मुद्दों पर विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति का कानून 2023 में बना और पहले प्रधानमंत्री ही नियुक्ति करते थे। EVM और VVPAT पर उन्होंने कहा कि अब तक 16 हजार मशीनों का मिलान हुआ है और एक भी गलत वोट सामने नहीं आया। उन्होंने यह भी कहा कि EVM का इस्तेमाल 1989 में राजीव गांधी के समय में शुरू हुआ था। मतदाता सूची (SIR) को लेकर उनका तर्क था कि यह प्रक्रिया गलतियाँ सुधारने के लिए है।
विपक्ष के सवाल और आरोप
विपक्ष की ओर से मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया, चुनाव के 45 दिन बाद CCTV फुटेज मिटाए जाने और चुनाव आयुक्तों को कानूनी सुरक्षा (इम्युनिटी) दिए जाने जैसे सवाल उठाए गए। गृहमंत्री ने इन सभी पर जवाब देते हुए कहा कि पुराने कानून में भी चुनाव आयुक्त के खिलाफ केस नहीं किया जा सकता था। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष की हार का कारण EVM या मतदाता सूची नहीं, बल्कि उनका नेतृत्व है। बहस के दौरान उन्होंने इंदिरा गांधी के रायबरेली चुनाव और पहले प्रधानमंत्री चुनाव का ज़िक्र करते हुए 'वोट चोरी' के पुराने मामलों को भी याद दिलाया।
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