उत्तर प्रदेश: चुनाव आयोग से एसआईआर की समयसीमा बढ़ाने का अनुरोध, असंग्रहीत मतदाताओं की सूची जारी करने की तैयारी *SALS* #33
उत्तर प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया के लिए राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बुधवार, 10 दिसंबर 2025 को केंद्रीय चुनाव आयोग से दो सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा है। इसका कारण 17.7 प्रतिशत गणना प्रपत्रों का न मिलना बताया गया है। असंग्रहीत मतदाताओं की सूची 12 दिसंबर तक जारी की जाएगी।
विस्तृत रिपोर्ट:
समयसीमा बढ़ाने का आग्रह
उत्तर प्रदेश में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया को और समय देने का अनुरोध किया गया है। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बुधवार को बताया कि इस संबंध में केंद्रीय चुनाव आयोग को एक पत्र भेजा गया है। अनुरोध के अनुसार, मृतक, स्थाई रूप से स्थानांतरित और अनुपस्थित मतदाताओं के पुनः सत्यापन के लिए दो सप्ताह का अतिरिक्त समय चाहिए। इसकी आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि लगभग 17.7 प्रतिशत गणना प्रपत्र अभी तक वापस नहीं मिले हैं।
असंग्रहीत मतदाताओं का ब्यौरा
राज्य में गणना प्रपत्रों के डिजिटाइजेशन का 99.24 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। इनमें से 18.85 प्रतिशत, यानि लगभग 2.91 करोड़ प्रपत्र, असंग्रहीत श्रेणी में पाए गए हैं। इस श्रेणी में सबसे अधिक संख्या लगभग 1.27 करोड़ उन मतदाताओं की है जो स्थाई रूप से स्थानांतरित हो चुके हैं। इसके अलावा, लगभग 45.95 लाख मृतक मतदाता, 23.69 लाख दोहरी प्रविष्टि वाले मतदाता और 84.73 लाख अनुपस्थित मतदाता शामिल हैं। अब तक 80.29 प्रतिशत प्रपत्र मतदाताओं के हस्ताक्षर के साथ वापस प्राप्त हो चुके हैं।
मैपिंग और आगामी प्रक्रिया
प्राप्त प्रपत्रों का 2003 की मतदाता सूची के साथ मिलान यानी मैपिंग का कार्य 76 प्रतिशत से अधिक पूरा हो गया है। सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को इसे शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, जिन मतदाताओं का नाम 2025 की सूची में नहीं है या जो 1 जनवरी को 18 वर्ष के हो रहे हैं, उनसे फॉर्म-6 भरवाया जाएगा। अब तक प्रदेश के 14 जिलों, 132 विधानसभा क्षेत्रों और 1,43,509 मतदेय स्थलों में डिजिटाइजेशन का काम समाप्त हो चुका है।
राजनीतिक दलों से सहयोग की अपील
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से असंग्रहीत मतदाताओं के सत्यापन में सहयोग करने की अपील की है। बूथ स्तर के अधिकारी 12 दिसंबर तक संबंधित एजेंटों को यह सूची उपलब्ध कराएंगे। यह सूची मुख्य निर्वाचन अधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारियों की वेबसाइट पर भी सार्वजनिक की जाएगी।
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