सुल्तानपुर: OLX के बहाने 19 लाख की ठगी, बिहार के तीन फरार बदमाश गिरफ्त में *GHGH* #14

सुल्तानपुर में OLX ऐप के जरिए कमरा किराए पर देने के लालच में एक सरकारी शिक्षक से 19 लाख रुपये की ठगी करने वाले बिहार के तीन आरोपी बुधवार को गिरफ्तार हो गए। इनमें चाचा-भतीजे शामिल हैं। साइबर क्राइम टीम ने बिहार से इन्हें पकड़ा, जहां से बाइक, मोबाइल और नकदी बरामद हुई। जिले का यह पहला बड़ा साइबर अपराध मामला है, जो बिहार-यूपी में 4 करोड़ की ठगी का हिस्सा बताया जा रहा है। 

गिरफ्तारी का सफल अभियान
सुल्तानपुर जिले में साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं के बीच पुलिस ने एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। बुधवार को बिहार से तीन आरोपी युवकों को गिरफ्तार किया गया, जो OLX प्लेटफॉर्म पर ठगी के जाल बुनने के लिए कुख्यात हैं। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक कुवर अनुपम सिंह और अपर पुलिस अधीक्षक अखंड प्रताप सिंह के निर्देश पर की गई। शहर कोतवाली क्षेत्र के सीओ सौरभ समंत के नेतृत्व में गठित साइबर क्राइम टीम ने बिहार के भभुआ जिले के इलाकों में छापेमारी कर इन्हें धर दबोचा। गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से एक पल्सर बाइक, नौ मोबाइल फोन, एक टैबलेट, एक लैपटॉप, नकदी और अन्य उपकरण जब्त किए गए हैं। जिले में इस तरह का यह पहला बड़ा साइबर फ्रॉड मामला माना जा रहा है, जिसने स्थानीय स्तर पर सतर्कता बढ़ा दी है।

ठगी की चालाकी भरी रणनीति
यह गिरोह OLX पर कमरा या मकान किराए पर लेने के बहाने संपत्ति मालिकों को ज्यादा मुनाफे का लालच देता था। सुल्तानपुर के तुराबखानी निवासी शैलेंद्र सिंह, जो भेटिया में सरकारी शिक्षक हैं, इसकी चपेट में फंस गए। आरोपियों ने आकर्षक योजनाओं का वादा कर अलग-अलग माध्यमों से कुल 19 लाख रुपये हड़प लिए। इसमें सात लाख रुपये मोबाइल लोन के जरिए और 12 लाख रुपये नकद शामिल थे। ठगी के बाद आरोपी फरार हो गए थे, जिसके चलते साइबर क्राइम थाना सुल्तानपुर में मुकदमा दर्ज हुआ। पीड़ित पक्ष ने करीब एक माह पहले शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन आरोपी तब तक निशाने से बाहर थे।

गिरोह का विस्तार और आपराधिक इतिहास
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अजय प्रताप यादव उर्फ मोहित (पुत्र संजय सिंह यादव, बीरभानपुर, थाना चांद, भभुआ, बिहार), तेज प्रताप यादव (पुत्र राम राज यादव, हरबरलिमपुर, थाना दुगिवती, भभुआ, बिहार) और रंजन यादव (पुत्र ख. नंदू यादव, मसौनी, थाना चंदौली) के रूप में हुई है। इनमें अजय और तेज चाचा-भतीजे हैं। पुलिस के अनुसार, अजय पर पहले से आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। यह गिरोह बिहार और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अब तक 4 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी कर चुका है। ठगी के पैसे तुरंत अन्य खातों में ट्रांसफर कर फरार होने की उनकी रणनीति ने जांच को जटिल बना दिया था। इस गिरफ्तारी से न केवल स्थानीय पीड़ित को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है, बल्कि साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने में भी मदद मिलेगी। 

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