कानपुर: जमीन विवाद में युवक की निर्मम हत्या, चचेरे भाइयों ने सिर फोड़ा *FCVG* #13

कानपुर के मेहरबान सिंह का पुरवा इलाके में बुधवार सुबह पानि नदी किनारे खाली प्लॉट में 32 वर्षीय विपिन की लाश मिली। हाथ रस्सी से बंधे थे और सिर पर भारी वस्तु से वार किया गया था। 2.40 करोड़ के मुआवजे वाली जमीन के विवाद में चचेरे भाइयों सुरेश और संतोष शुक्ला को गिरफ्तार किया गया। परिवार ने बताया कि विपिन मंगलवार शाम फैक्ट्री जाते समय लापता हो गया था। यह घटना स्थानीय स्तर पर दहशत फैला रही है।
मौत का सनसनीखेज खुलासा
बुधवार, 3 दिसंबर 2025 की सुबह कानपुर के मेहरबान सिंह का पुरवा क्षेत्र में टहलने वाले लोगों ने एक खाली प्लॉट में संदिग्ध लाश देखी। सूचना मिलते ही डीसीपी साउथ दीपेंदु नाथ चौधरी और एडीसीपी साउथ योगेश सिंह मौके पर पहुंचे। फॉरेंसिक टीम ने जांच की तो चेहरे पर बोरी से ढकी लाश निकली। पीछे हाथ रस्सी से बंधे थे और सिर के पिछले हिस्से से खून बह रहा था। ऊपर पत्थर रखा गया था, जो अपराधी का क्रूर इरादा दर्शाता है। शव की पहचान विपिन (32) के रूप में हुई, जो ट्रांसपोर्ट नगर की पान मसाला फैक्ट्री में आठ साल से काम कर रहा था।

परिवार का गहरा सदमा
विपिन साढ़ी बाजार का रहने वाला था। वह अपनी मां रामसुती, पत्नी शैलू और जुड़वा बेटों रामजी-श्यामजी के साथ रहता था। मंगलवार शाम करीब 6 बजे वह बस से फैक्ट्री जाने निकला था। शाम 7:30 बजे बड़े भाई मित्त से फोन पर बात हुई, जिसमें उसने बारादेवी पहुंचने की बात कही। उसके बाद फोन रिसीव नहीं हुआ और मोबाइल स्विच ऑफ हो गया। देर रात परिवार ने व्हाट्सएप पर लापता होने का स्टेटस डाला। सुबह 9 बजे शव मिलने की खबर पर मित्त और फैक्ट्री सुपरवाइजर धर्मेंद्र बाजपेयी पहुंचे, जहां पहचान पुष्ट हुई। विपिन का छोटा भाई मित्त जहानपुर में रहता है। पिता गंगा प्रसाद ने बताया कि विपिन रोजाना बस से यात्रा करता था।

जमीन के पुराने झगड़े ने लिया जान
यह हत्या 2.40 करोड़ रुपये के मुआवजे से जुड़ी जमीन के विवाद से प्रेरित बताई जा रही है। गंगा प्रसाद सालों से ननिहाल साढ़ी बाजार में रहते हैं। 2006 में उनके मामा छोटेलाल शुक्ला ने 12 बीघा जमीन उनका नाम गोदनामा कर दी थी। चार साल पहले घाटमपुर स्थित दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर परियोजना के तहत यह जमीन अधिग्रहित हुई, जिसका मुआवजा मिलना बाकी है। कुछ समय पूर्व 60 लाख रुपये उनके खाते में आ चुके हैं। 2013-14 से मामा के परिवार के दो भाई—यशोदानगर निवासी सुरेश शुक्ला और जरौली फेज-2 निवासी संतोष शुक्ला—ने अपनी बेटी सुनीधि के नाम फर्जी गोदनामा कराकर मुकदमा दायर किया था। इससे विवाद चल रहा था। गंगा प्रसाद ने बताया कि आरोपी अक्सर जमीन खाली करने की धमकी देते रहते थे।

पुलिस ने कसा शिकंजा
डीसीपी साउथ दीपेंदु नाथ चौधरी ने पुष्टि की कि गंगा प्रसाद की शिकायत पर दोनों चचेरे भाइयों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है। घटनास्थल पर लोगों की भीड़ लग गई थी, लेकिन पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। यह मामला जमीन माफिया की प्रवृत्ति को उजागर करता है, जिससे कानपुर में सतर्कता बढ़ गई है।

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