लखनऊ: शिक्षा व्यवस्था को लेकर विधान परिषद में विवाद, सपा सदस्यों ने किया वॉकआउट *DWAS* #34

उत्तर प्रदेश विधान परिषद में शिक्षा के गिरते स्तर को लेकर शुक्रवार को बवाल हुआ। सपा के सदस्यों ने आरोप लगाकर सदन से वॉकआउट कर दिया। उन्होंने स्कूलों के विलय, शिक्षकों की कमी और नियुक्तियों में देरी जैसे मुद्दे उठाए, जबकि बेसिक शिक्षा मंत्री ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया।

विपक्ष के आरोप और सदन से बहिष्कार

शुक्रवार को लखनऊ स्थित विधान परिषद में एक सपा सदस्य ने कार्य स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूलों के विलय या बंद होने से गरीब बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। एक अन्य विपक्षी सदस्य ने कहा कि 2022 में चयनित शिक्षकों को अभी तक नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया है। नेता प्रतिपक्ष ने दावा किया कि आठ लाख बच्चे स्कूलों से बाहर हो गए हैं। इन आरोपों के बीच सपा के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।

मंत्री का जवाब और सरकारी दावे

बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री ने विपक्ष के सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार शिक्षा का स्तर ऊपर उठाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी स्कूल को बंद नहीं किया गया है, बल्कि 50 से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों का विलय किया गया है। मंत्री ने सुधार के तहत 65 प्रतिशत स्कूलों में फर्नीचर, 32 हजार में स्मार्ट क्लास और 48 हजार से अधिक को 'निपुण विद्यालय' की श्रेणी में लाने का दावा किया।

अन्य मुद्दों पर चर्चा

निर्दल समूह के एक सदस्य ने सोनभद्र जिले के ओबरा इंटर कॉलेज में शिक्षकों के वेतन भुगतान की समस्या उठाई। इस पर जलशक्ति मंत्री ने जवाब दिया कि यह विद्यालय राज्य विद्युत बोर्ड द्वारा संचालित है और कभी राजकीय विद्यालय नहीं रहा, इसलिए वहां के शिक्षकों के समायोजन की कोई व्यवस्था नहीं है।

टिप्पणियाँ