यूपी: सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट पर लगेगी लगाम? विधानसभा अध्यक्ष ने की सख्त कानून की मांग #98 *WER*
संक्षिप्त:
मंगलवार, 23 दिसंबर 2025 को यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट, फोटो और वीडियो की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता जताई। उन्होंने सरकार से सख्त कानून लाने की मांग की, जिसमें कठोर दंड हो। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि पहले से एक करोड़ जुर्माना और सात साल की सजा का प्रावधान है। सभी जिलों में साइबर क्राइम थाने बने हैं और 84 हजार पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया। इससे ऐसी घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित होगी।
सख्ती की मांग और सरकारी कार्रवाई
उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को सोशल मीडिया पर फैल रही अभद्र सामग्री के खिलाफ सख्त कदम उठाने की चर्चा छाई रही। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सदन में कहा कि ऐसी पोस्ट, फोटो और वीडियो की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो समाज को प्रभावित कर रही है। उन्होंने प्रदेश सरकार से इस प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए नया कठोर कानून लाने का आग्रह किया, जिसमें अपराधियों को कड़ी सजा दी जाए। इससे भविष्य में ऐसी हरकतों पर अंकुश लगेगा। इस मांग पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने स्पष्ट किया कि सरकार पहले से ही ऐसे मामलों में सख्त रुख अपनाती है। वर्तमान प्रावधानों में एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना और सात वर्ष तक की कैद का इंतजाम है।
प्रशिक्षण और थानों से मजबूत नेटवर्क
ऐसी घटनाओं की शिकायत पर स्थानीय पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर डीआईजी साइबर क्राइम तत्काल कार्रवाई करता है। यदि मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हो, तो गृह विभाग के विशेष सचिव संज्ञान लेते हैं। पूरे प्रदेश के सभी जिलों में साइबर क्राइम थाने स्थापित किए गए हैं, जो निगरानी और जांच को तेज बनाते हैं। अब तक 84 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को साइबर अपराध से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण पोर्टल के माध्यम से तैयार किया जा चुका है। इन प्रयासों से आपत्तिजनक सामग्री फैलाने वालों की पहचान और दंड आसान हो गया है। विधानसभा अध्यक्ष ने फिर जोर देकर कहा कि मौजूदा व्यवस्था के बावजूद नया सख्त कानून बनाने पर विचार किया जाए।
विधायक की शिकायत ने हिलाया सदन
सदन की कार्यवाही के दौरान एक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दा भी उठा। शोहरतगढ़ (सिद्धार्थनगर) से अपना दल (सोनेलाल) के विधायक विनय वर्मा ने अचानक अपनी सीट से खड़े होकर विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की। उन्होंने कथित नेपाली नागरिक की शिकायत पर अपनी विधायक निधि के कार्यों की जांच कराने का मामला रखा। इस अप्रत्याशित कदम से सत्ता पक्ष के सदस्य आश्चर्यचकित रह गए। विपक्षी सपा सदस्यों ने भी विधायक की बात सुनने की मांग की। मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने उन्हें संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना के पास ले जाकर सहायता की, लेकिन अध्यक्ष ने निर्देश दिया कि मंत्री अपने कक्ष में ही शिकायत दर्ज कर लें। यह घटना सदन में हलचल मचा गई।
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