इंडिगो का संकट: पायलट नियमों की चूक से उड़ानें ठप, लाखों यात्री फंसे #86 *AQW*
देश की प्रमुख घरेलू एयरलाइन इंडिगो पिछले छह दिनों से गंभीर परिचालन संकट से जूझ रही है। नए पायलट ड्यूटी नियमों के कारण पायलटों की कमी हो गई, जिससे सैकड़ों उड़ानें रद्द हो चुकी हैं। 7 दिसंबर 2025 को रविवार को ही करीब 650 उड़ानें प्रभावित हुईं। यात्रियों को रिफंड और वैकल्पिक सुविधाएं मिल रही हैं, लेकिन हवाई अड्डों पर अफरा-तफरी मची हुई है। यह संकट घरेलू बाजार के 65 प्रतिशत हिस्से वाली कंपनी के लिए ऐतिहासिक है।
यात्रियों की परेशानी: मिस्ड फ्लाइट्स से नुकसान
पिछले छह दिनों में इंडिगो ने देशभर में सैकड़ों उड़ानें रद्द कीं, जिसका सबसे ज्यादा असर आम यात्रियों पर पड़ा। दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद और मुंबई जैसे प्रमुख हवाई अड्डों पर लंबी-लंबी कतारें लग गईं। हजारों लोग महत्वपूर्ण मीटिंग्स, जॉब इंटरव्यू और शादियों से चूक गए, जबकि कुछ को आपातकालीन चिकित्सा स्थिति का सामना करना पड़ा। टर्मिनलों पर गुस्साए और निराश यात्री दिखे, साथ ही सैकड़ों बैग बिखरे पड़े रहे। 2 दिसंबर को पहली बार बड़े स्तर पर 150 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। इंडिगो और टाटा समूह की एयर इंडिया मिलकर घरेलू बाजार के 91 प्रतिशत को नियंत्रित करती हैं, इसलिए इस व्यवधान ने पूरे विमानन क्षेत्र को हिला दिया।
नए नियमों ने उजागर की कमियां
इस संकट की जड़ में विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) नियम हैं, जो पायलटों को ज्यादा आराम देने और वैश्विक सुरक्षा मानकों से जोड़ने के लिए लाए गए। इनमें साप्ताहिक विश्राम समय बढ़ाना, रात की उड़ानों पर सीमा और लगातार ड्यूटी पर सख्ती शामिल है, जिससे पायलट प्रति सप्ताह कम उड़ानें चला पाते हैं। अप्रैल 2025 में दिल्ली हाईकोर्ट ने इन नियमों को अंतिम रूप दिया और सीएआर-2024 के 15 प्रावधान 1 जुलाई 2025 तक तथा शेष सात 1 नवंबर 2025 तक लागू करने का आदेश दिया। एयरलाइनों को तीन हफ्तों में अपनी एफडीटीएल योजनाएं सौंपने को कहा गया। लेकिन इंडिगो ने इनके अनुरूप पायलटों का सही आकलन नहीं किया। एयरबस ए320 विमानों के लिए 2,422 कैप्टन चाहिए थे, जबकि केवल 2,357 उपलब्ध थे। फर्स्ट ऑफिसर्स में भी यही कमी थी। कंपनी की रणनीति अधिकतम विमान उपयोग और रात की उड़ानों पर टिकी थी, जो पुराने नियमों में ठीक चली, लेकिन नए नियमों से आरक्षित पायलटों की कमी उजागर हो गई। सर्दियों के व्यस्त शेड्यूल ने समस्या को और गहरा दिया।
एयरलाइन और सरकार की प्रतिक्रिया
3 दिसंबर को इंडिगो ने समस्याओं को मान लिया और तकनीकी खराबी, मौसम, सर्दी के शेड्यूल तथा चालक दल नियमों को जिम्मेदार ठहराया। कंपनी ने शुल्क माफी, रिफंड और वैकल्पिक यात्रा की व्यवस्था की घोषणा की, साथ ही सेवाओं को चरणबद्ध तरीके से बहाल करने का वादा किया। बावजूद इसके, नई बुकिंगें जारी रहीं और यात्रियों को हवाई अड्डों पर ही स्टेटस चेक करना पड़ा। नियामक पक्ष से किराए पर अंकुश लगाया गया और सलाह जारी की गई। संसदीय समिति भी सभी निजी एयरलाइनों तथा डीजीसीए अधिकारियों को तलब करने पर विचार कर रही है। सामान्य स्थिति बहाल होने में अभी समय लगेगा, लेकिन यह संकट विमानन क्षेत्र की तैयारियों पर सवाल खड़े करता है।
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