उत्तर प्रदेश: नौकरशाही में व्यापक फेरबदल, चार वरिष्ठ आईएएस प्रमुख सचिव के पद पर पहुंचेंगे #72 *AQW*


संक्षिप्त: उत्तर प्रदेश में नौकरशाही में बड़े बदलाव हो रहे हैं। 2001 बैच के चार आईएएस अधिकारियों—शशि भूषण लाल सुशील, अजय कुमार शुक्ला, अपर्णा यू और एसवीएस रंगाराव—को प्रमुख सचिव बनाया जाएगा। साथ ही, 2010 बैच के 20 अधिकारियों को विशेष सचिव से सचिव पद पर पदोन्नति मिलेगी। मुख्य सचिव एसपी गोयल की अध्यक्षता वाली डीपीसी पूरी हो चुकी है और एक जनवरी 2026 से आदेश लागू होंगे। यह वार्षिक प्रक्रिया है, जो 25 वर्ष की निष्कलंक सेवा पर आधारित है।


पदोन्नति के नए आदेश: एक जनवरी से प्रभावी

उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था में महत्वपूर्ण परिवर्तन की तैयारी चल रही है। राज्य सरकार ने चार वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को प्रमुख सचिव के पद पर पदोन्नत करने का निर्णय लिया है। ये अधिकारी 2001 बैच के हैं, जिनकी 25 वर्ष की सेवा बेदाग रही है। मुख्य सचिव एसपी गोयल की अगुवाई में विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक हो चुकी है, और संबंधित आदेश एक जनवरी 2026 से अमल में आ जाएंगे। नियुक्ति विभाग इन आदेशों को शीघ्र जारी करेगा।

प्रमुख सचिव बनने वालों की सूची और भूमिकाएं

इन पदोन्नतियों में देवीपाटन मंडल के मंडलायुक्त शशि भूषण लाल सुशील, नगर विकास विभाग के सचिव अजय कुमार शुक्ला, चिकित्सा शिक्षा विभाग की सचिव अपर्णा यू तथा राजस्व बोर्ड के सदस्य एसवीएस रंगाराव शामिल हैं। डीपीसी में इनके नामों पर विस्तृत चर्चा हुई, जो उनकी लंबी सेवा और प्रदर्शन को दर्शाती है। इसके अतिरिक्त, 2010 बैच के 20 अधिकारियों को विशेष सचिव से संवर्धित पद पर बढ़ावा दिया जाएगा। इस बैच से केवल दुर्गा शक्ति नागपाल ही वर्तमान में लखीमपुर खीरी की जिलाधिकारी हैं। बाकी ज्यादातर विशेष सचिव के पद पर कार्यरत हैं या उन्हें पहले से ही सचिव स्तर का दायित्व सौंपा गया है।

अन्य बैचों के लिए ग्रेड वृद्धि

प्रक्रिया के दायरे में 2013 बैच के एक अधिकारी को चयन ग्रेड तथा 2017 बैच के एक अधिकारी को प्रशासनिक ग्रेड वेतन देने पर विचार हुआ है। उत्तर प्रदेश में यह डीपीसी हर दिसंबर में आयोजित होती है, जिसमें लंबी सेवा वाले आईएएस अधिकारियों को उच्च पदों पर पहुंचाया जाता है। 2010 बैच के अधिकारियों ने 16 वर्ष की सेवा पूरी कर ली है, जो इस पदोन्नति का आधार बनेगी।

ये बदलाव राज्य की नौकरशाही को नई ऊर्जा प्रदान करेंगे, खासकर जब लखनऊ में सत्तावर्ती योगी आदित्यनाथ सरकार विकास योजनाओं पर जोर दे रही है।

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