उत्तर प्रदेश:कफ सिरप तस्करी कांड में 500 करोड़ के घोटाले का खुलासा, 2.24 करोड़ बोतलों की बिक्री *ZSAX* #35
लखनऊ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच में पता चला है कि कफ सिरप तस्करी के एक मामले में मुख्य आरोपियों ने लगभग 2.24 करोड़ बोतल सिरप बेचकर 500 करोड़ रुपये से अधिक की तस्करी की। जांच में यह भी पता चला कि आरोपी शुभम जायसवाल 13 जिलों की 177 फर्मों के नाम पर फर्जी बिलिंग कर त्रिपुरा के रास्ते सिरप बांग्लादेश तस्करी करता था। आरोपी को नेताओं और माफिया के संरक्षण में दुबई भागने में मदद मिली। कुछ दवा निरीक्षकों की भूमिका पर भी नजर है।
2.24 करोड़ बोतलों से 500 करोड़ की तस्करी
नशीले कफ सिरप की तस्करी करने वाले सिंडिकेट की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की जा रही जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल और उसके पिता भोला जायसवाल ने रांची की शैली ट्रेडर्स के जरिये अकेले 2.24 करोड़ सिरप की बोतलों को बेचा। इस तरह दोनों ने 500 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की सिरप की तस्करी की।
फर्जी फर्मों और संरक्षण के सुराग
आरोपियों के ठिकानों पर हुई तलाशी के दौरान दिल्ली की एबॉट कंपनी से खरीदे गए सिरप के बिल और फर्जी फर्मों के लेन-देन का ब्योरा भी पाया गया। जांच में पता चला कि शुभम ने 13 जिलों की 177 फर्मों के नाम पर फर्जी बिलिंग की, जबकि सिरप की पूरी खेप त्रिपुरा भेज दी जाती थी ताकि उसे बांग्लादेश तस्करी किया जा सके। माना जा रहा है कि नेताओं व माफिया के संरक्षण की वजह से शुभम जायसवाल दुबई भागने में कामयाब रहा। ईडी उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराने जा रही है। आधा दर्जन से अधिक नेताओं और एक बहुचर्चित माफिया को दी गई रकम के ब्योरे वाले दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।
दवा निरीक्षकों और फार्मा कंपनियों पर नज़र
जांच में यह भी संदेह जताया गया है कि फर्जी बिलिंग के लिए बंद हुई फर्मों का ब्योरा ड्रग इंस्पेक्टरों ने मुहैया कराया था। इसी वजह से ईडी वाराणसी में बीते तीन साल के दौरान तैनात रहे ड्रग इंस्पेक्टरों के बारे में पता लगा रही है। साथ ही, नशीले कफ सिरप का निर्माण करने के बाद दागी फर्मों को सुपर स्टॉकिस्ट बनाकर आपूर्ति करने वाली तीन कंपनियों के खिलाफ पुलिस जल्द एफआईआर दर्ज करने की तैयारी में है। इनमें हिमाचल प्रदेश के बद्दी स्थित एबॉट फार्मास्युटिकल्स भी शामिल है, जिसने सबसे ज्यादा सिरप की आपूर्ति की थी। हिमाचल प्रदेश के पोंटा साहिब स्थित लेबोरेट फार्मा भी जांच के दायरे में है।
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