यूपी: 30 हजार शिक्षामित्रों को मिलेगी घर वापसी, शासन ने जारी किया आदेश *SLKA* #32
उत्तर प्रदेश सरकार ने 9 दिसंबर, मंगलवार को शिक्षामित्रों की मूल विद्यालय वापसी का आदेश जारी किया है। इससे करीब 30 हजार शिक्षामित्रों को अपने घर के पास तैनाती मिलने का रास्ता खुलेगा, जिसका सर्वाधिक लाभ महिला शिक्षामित्रों को मिलेगा। प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होगी और जिला स्तरीय समिति इसका संचालन करेगी।
विस्तृत रिपोर्ट:
शासन ने जारी किया महत्वपूर्ण आदेश
उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों की लंबे समय से लंबित मांग को स्वीकार करते हुए उनकी मूल विद्यालय वापसी का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। मंगलवार, 9 दिसंबर को जारी इस शासनादेश से लगभग 30,000 शिक्षामित्रों को अपने गृह जनपद या घर के निकट तैनाती मिलने की उम्मीद है। बेसिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव अवधेश कुमार तिवारी द्वारा जारी इस आदेश के तहत एक विशेष प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
समायोजन की दो चरणीय प्रक्रिया
शासन ने स्पष्ट किया है कि यह समायोजन दो चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में, वे शिक्षामित्र जो अपने मूल विद्यालय में वापस जाना चाहते हैं, उन्हें वहां रिक्त पद मिलने पर प्राथमिकता दी जाएगी। यदि मूल स्थान पर पद उपलब्ध नहीं है, तो उन्हें उसी ग्राम सभा, ग्राम पंचायत या वार्ड के किसी अन्य विद्यालय में तैनात किया जा सकता है। विशेष रूप से, विवाहित महिला शिक्षामित्र अपने पति के घर की ग्राम सभा में भी तैनाती का विकल्प चुन सकेंगी।
जिला समिति देगी अंतिम स्वीकृति
इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी और क्रियान्वयन के लिए जिला स्तर पर एक समिति गठित की गई है, जिसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी करेंगे। इस समिति में मुख्य विकास अधिकारी, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य, बेसिक शिक्षा अधिकारी और सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी सदस्य के रूप में शामिल होंगे। समिति यह सुनिश्चित करेगी कि प्रत्येक विद्यालय में अधिकतम दो शिक्षामित्र ही तैनात रहें, जबकि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विद्यालयों में यह सीमा तीन होगी।
पहले भी जारी हो चुके हैं आदेश
बताया गया है कि शिक्षामित्रों के इस समायोजन के लिए शासनादेश पहले 3 जनवरी को ही जारी किया जा चुका था और 12 जून को इसके क्रियान्वयन के दिशा-निर्देश भी दिए गए थे। हालांकि, विभाग इस पर अमल सुनिश्चित नहीं करा पाया था, जिसके चलते उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने हाल ही में आंदोलन की चेतावनी भी दी थी। नए आदेश के साथ, इस लंबित मुद्दे के शीघ्र समाधान की संभावना है।
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