उत्तर प्रदेश: मतदाता सूची के पुनरीक्षण में 12.55 करोड़ नाम होंगे शामिल, लाखों को नोटिस #87 *SQE*

संक्षिप्त समाचार

उत्तर प्रदेश में 31 दिसंबर को जारी होने वाली कच्ची मतदाता सूची में 12.55 करोड़ मतदाता दर्ज होंगे। कुल 15.44 करोड़ नामों में से 2.89 करोड़ हटाए जाएंगे, जिनमें स्थानांतरित, मृत, डुप्लीकेट और अनुपस्थित शामिल हैं। 1.13 करोड़ लोगों को 2003 की सूची से मिलान न होने पर नोटिस भेजा जाएगा। इससे सूची में 18.77 प्रतिशत कमी आएगी, जबकि 3.62 करोड़ युवा अभी शामिल नहीं हैं.



पुनरीक्षण प्रक्रिया का समापन

उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के तहत गणना फॉर्म जमा करने की अंतिम समय सीमा आज शुक्रवार को समाप्त हो गई। नवंबर में स्थिर की गई कुल 15.44 करोड़ मतदाताओं वाली सूची से 2.89 करोड़ नाम काटे जाएंगे। इनमें 1.26 करोड़ स्थायी रूप से स्थानांतरित व्यक्ति, 46 लाख मृत, 23.70 लाख डुप्लीकेट प्रविष्टियां, 83.73 लाख अनुपस्थित और 9.57 लाख अन्य श्रेणी के मतदाता शामिल हैं। 11 दिसंबर को दो सप्ताह के लिए बढ़ाई गई समय सीमा के बावजूद चिह्नित नामों में केवल 5-6 लाख की कमी आई।

कच्ची सूची और दावा-आपत्ति का समयबद्ध कार्यक्रम

31 दिसंबर को कच्ची मतदाता सूची प्रकाशित होगी, जिसमें 12.55 करोड़ नाम दर्ज होंगे। इस पर 31 दिसंबर से 30 जनवरी 2026 तक दावे और आपत्तियां दर्ज की जा सकेंगी। उसके बाद 31 दिसंबर से 21 फरवरी 2026 तक नोटिस प्रक्रिया चलेगी, जिसमें गणना प्रपत्रों पर फैसले और दावों का निपटारा होगा। अंतिम सूची 28 फरवरी 2026 को जारी कर दी जाएगी। आयोग ने बूथ स्तर अधिकारियों और राजनीतिक दलों के एजेंटों के माध्यम से स्थानांतरित, मृत, डुप्लीकेट तथा अनुपस्थित श्रेणी के नामों का सत्यापन कराया, लेकिन तीसरी बार समय विस्तार को उचित नहीं माना।

2003 सूची से मिलान और युवाओं की अनुपस्थिति

प्रदेश में 91 प्रतिशत मतदाताओं के नाम 2003 की मतदाता सूची से सत्यापित हो चुके हैं, जिससे इन्हें दस्तावेज प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। शेष के लिए नोटिस जारी होंगे, और मिलान प्रतिशत में वृद्धि की संभावना है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, 18 वर्ष और इससे अधिक आयु के 16.17 करोड़ लोगों में से 3.62 करोड़ युवा अभी सूची से बाहर हैं। खासकर 18-29 वर्ष वर्ग के अधिकांश युवाओं के नाम दर्ज नहीं हैं, जबकि कटने वाले नामों में 30 वर्ष से अधिक आयु वालों की संख्या ज्यादा है। यह प्रक्रिया मतदाता सूची को अधिक सटीक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

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