यूपी में SIR आज से, बीएलओ घर-घर आएंगे—जानें क्या रखने हैं दस्तावेज तैयार #29 *AAA*
उत्तर प्रदेश में चुनाव आयोग के निर्देश पर 22 वर्षों बाद ऐतिहासिक विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान आज यानी 4 नवंबर 2025 से शुरू हो गया है। इस अभियान के तहत बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर राज्य के 15.44 करोड़ मतदाताओं का सत्यापन करेंगे, जिससे वोटर लिस्ट को पूरी तरह त्रुटिहीन, पारदर्शी और अद्यतन बनाया जा सके। 70 फीसदी मतदाताओं को नहीं देना होगा कोई दस्तावेज।
22 साल बाद का यह ऐतिहासिक अभियान
यूपी में आखिरी बार इस तरह का विशेष गहन पुनरीक्षण 2003 में हुआ था, और अब दो दशक से अधिक समय बाद फिर से इतने बड़े पैमाने पर मतदाता सूची की पड़ताल की जा रही है। चुनाव आयोग ने बिहार के बाद अब देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में SIR के दूसरे चरण की शुरुआत की है, जिसमें लगभग 51 करोड़ मतदाता कवर होंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट किया कि यह अभियान "शुद्ध निर्वाचक नामावली, मजबूत लोकतंत्र" की थीम पर आधारित है और इसका उद्देश्य सभी पात्र नागरिकों को मतदाता सूची में शामिल करना तथा डुप्लीकेट, फर्जी और मृतक मतदाताओं को हटाना है।
BLO घर-घर जाकर क्या करेंगे?
उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 1,62,486 बूथ लेवल अधिकारी कार्यरत हैं, जो 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक प्रत्येक घर में कम से कम तीन बार जाएंगे। ये अधिकारी प्रत्येक मतदाता को गणना प्रपत्र (एन्यूमरेशन फॉर्म) की दो प्रतियां देंगे, जिसमें मतदाता का नाम, EPIC (इलेक्टर फोटो आइडेंटिटी कार्ड) नंबर, भाग संख्या, क्रम संख्या और विधानसभा क्षेत्र का नाम पहले से ही मुद्रित होगा।
मतदाताओं को इस फॉर्म में अपनी जन्म तिथि, आधार संख्या (वैकल्पिक), मोबाइल नंबर, माता-पिता का नाम व उनका EPIC नंबर, तथा पति या पत्नी का नाम व EPIC नंबर भरना होगा। साथ ही, मतदाताओं को अपनी नवीनतम पासपोर्ट साइज फोटो लगाकर फॉर्म पर हस्ताक्षर करने होंगे और दोनों प्रतियों में से एक BLO को वापस देनी होगी।
कौन से दस्तावेज रखने हैं तैयार?
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि गणना प्रपत्र वितरण और संग्रहण के दौरान मतदाताओं से किसी भी प्रकार का कोई दस्तावेज नहीं लिया जाएगा। हालांकि, जिन मतदाताओं के नाम 2003 की वोटर लिस्ट से लिंक नहीं होंगे, उन्हें बाद में निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ERO) द्वारा सुनवाई के लिए नोटिस जारी किया जाएगा, और उस समय उन्हें निम्नलिखित में से कोई एक दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा:
मान्य दस्तावेजों की सूची:
- जन्म प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट
- 10वीं या अन्य शैक्षणिक परीक्षा का प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
- मूल निवास प्रमाण पत्र (डोमिसाइल सर्टिफिकेट)
- परिवार रजिस्टर की नकल
- सरकारी जमीन या मकान आवंटन के कागजात
- सरकारी नौकरी का पहचान पत्र या पेंशन पेमेंट ऑर्डर
- राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की प्रविष्टि
- वन अधिकार प्रमाण पत्र
- 1 जुलाई 1987 से पहले सरकार द्वारा जारी कोई भी पहचान पत्र या सर्टिफिकेट[11][8][10]
विशेष राहत: यदि मतदाता का नाम 2003 की वोटर लिस्ट में है, तो उसे केवल उस सूची की फोटो कॉपी देनी होगी, और कोई अन्य दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी। इसी प्रकार, यदि माता-पिता का नाम 2003 की सूची में है, तो संबंध का प्रमाण और एक पहचान पत्र पर्याप्त होगा।
70 फीसदी मतदाताओं को नहीं देना होगा कोई दस्तावेज
चुनाव आयोग की ओर से दी गई बड़ी राहत यह है कि उत्तर प्रदेश के लगभग 70 फीसदी मतदाताओं को किसी भी प्रकार का दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी। आयोग ने 2003 की मतदाता सूची का वर्तमान सूची से मिलान किया है, और पाया कि करीब 48 फीसदी मतदाताओं के नाम दोनों सूचियों में मौजूद हैं। ऐसे मतदाता जिनके नाम या उनके माता-पिता के नाम पहले से सूची में हैं, उन्हें केवल अपना पुराना विवरण बताना होगा और गणना प्रपत्र भरकर जमा करना होगा।
धोखाधड़ी से रहें सावधान!
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने मतदाताओं को चेताया है कि SIR अभियान के दौरान ठगी और फर्जीवाड़े की आशंका हो सकती है। BLO आपसे जन्मतिथि, आधार नंबर, मोबाइल नंबर, और परिवार के सदस्यों के विवरण जैसी सामान्य जानकारी मांगेंगे, लेकिन वे कभी भी OTP, बैंक पासवर्ड, CVV या अन्य संवेदनशील वित्तीय जानकारी नहीं मांगेंगे।
सावधानी बरतें: यदि कोई व्यक्ति BLO होने का दावा करते हुए आपसे OTP, बैंक विवरण या किसी प्रकार का पासवर्ड मांगे, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। एसआईआर के लिए इस तरह की किसी भी संवेदनशील जानकारी की आवश्यकता नहीं है।
SIR की पूरी टाइमलाइन और प्रक्रिया
चुनाव आयोग ने SIR अभियान के लिए एक विस्तृत शेड्यूल जारी किया है:
28 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025: गणना प्रपत्र की प्रिंटिंग और BLO का प्रशिक्षण
4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025: घर-घर जाकर गणना प्रपत्र वितरण और संग्रहण (हाउस टू हाउस एन्यूमरेशन)
9 दिसंबर 2025: प्रारूप निर्वाचक नामावली (ड्राफ्ट वोटर लिस्ट) का प्रकाशन
9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026: दावे और आपत्तियां दर्ज करने की अवधि
9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026: नोटिस जारी करना, सुनवाई और सत्यापन
7 फरवरी 2026: अंतिम निर्वाचक नामावली (फाइनल वोटर लिस्ट) का प्रकाशन
राजनीतिक दलों ने की तैयारियां
इस बड़े अभियान को लेकर राजनीतिक दलों में भी हलचल तेज है। उत्तर प्रदेश में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों ने 1.92 लाख बूथ लेवल एजेंट्स (BLA) नियुक्त किए हैं। समाजवादी पार्टी ने "SIR-PDA प्रहरी" की घोषणा की है, जो विशेष रूप से पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक (PDA) बहुल इलाकों में नजर रखेंगे। वहीं, भाजपा ने वॉर रूम स्थापित किया है और कहा है कि यह अभियान फर्जी मतदाताओं को हटाएगा और पारदर्शिता लाएगा।
मतदाताओं के लिए जरूरी सुझाव
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मतदाताओं से अपील की है कि वे BLO के आने पर सहयोग करें और सही जानकारी प्रदान करें। यदि किसी को फॉर्म भरने में कोई कठिनाई हो, तो वे BLO से मदद ले सकते हैं। मतदाता ऑनलाइन भी फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं और हेल्पलाइन नंबर 1950 या 1800-180-1950 पर संपर्क कर सकते हैं।
चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि 2003 की वोटर लिस्ट चुनाव आयोग की वेबसाइट voters.eci.gov.in से डाउनलोड की जा सकती है।
लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में कदम
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि "SIR एक जन-केंद्रित अभियान है, जो लोकतंत्र की मजबूती सुनिश्चित करेगा"। इस अभियान का उद्देश्य न केवल फर्जी और डुप्लीकेट मतदाताओं को हटाना है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि कोई भी योग्य नागरिक मतदाता सूची से बाहर न रहे।
उत्तर प्रदेश में यह अभियान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां देश की सबसे बड़ी मतदाता संख्या है—15.44 करोड़, जो भारत की कुल मतदाता संख्या का लगभग 15 प्रतिशत है। राज्य में 403 विधानसभा और 80 लोकसभा सीटें हैं, और आने वाले चुनावों में यह साफ-सुथरी वोटर लिस्ट निर्णायक भूमिका निभा सकती है।
यह अभियान 7 फरवरी 2026 तक पूरा होगा, और तब तक मतदाताओं से अपेक्षा की जाती है कि वे पूरी सतर्कता के साथ इस प्रक्रिया में भागीदारी करें, अपने दस्तावेज तैयार रखें, और किसी भी धोखाधड़ी की स्थिति में तुरंत पुलिस को सूचित करें।
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