उत्तर प्रदेश: पंचायत चुनाव में फर्जी वोटिंग रोकेगा मोबाइल ऐप, रियल टाइम में लिए जाएंगे मतदाताओं के फोटो *SKAL* #25

अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में फर्जी वोटिंग रोकने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने एक विशेष मोबाइल ऐप तैयार किया है। इसके जरिए मतदान केंद्रों पर हर मतदाता का फोटो लिया जाएगा, जो तुरंत आयोग के सर्वर पर पहुंच जाएगा। इससे कोई भी व्यक्ति दोबारा वोट नहीं डाल पाएगा। मतदाता सूचियों में लगभग 2.27 करोड़ डुप्लीकेट नाम होने का अनुमान है।

फर्जी वोटिंग पर लगेगी रोक

उत्तर प्रदेश मेंअगले साल होने वाले पंचायत चुनावों में धांधली रोकने के लिए एक नई तकनीकी व्यवस्था की जा रही है। राज्य निर्वाचन आयोग ने एक विशेष मोबाइल एप्लिकेशन तैयार करवाया है, जिसकी मदद से मतदान के दौरान फर्जी मतदाताओं की पहचान की जाएगी। इस ऐप के जरिए बूथ पर मतदान करने आए प्रत्येक व्यक्ति की फोटो तुरंत आयोग के सर्वर पर सेव हो जाएगी। यदि कोई व्यक्ति किसी दूसरे केंद्र पर दोबारा वोट डालने की कोशिश करता है, तो ऐप तुरंत अलर्ट जारी कर देगा और उसके खिलाफ कार्रवाई संभव हो सकेगी।

डुप्लीकेट मतदाताओं की बड़ी संख्या

इस कदम कीजरूरत इसलिए भी महसूस की गई है क्योंकि वर्तमान मतदाता सूचियों में डुप्लीकेट नामों की एक बड़ी संख्या है। वर्ष 2021 के चुनावों के आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 90 लाख से अधिक मतदाता ऐसे हैं, जिनके नाम, पिता का नाम और लिंग एक जैसे हैं। आयोग का आकलन है कि मतदाता सूची में कुल 2.27 करोड़ डुप्लीकेट मतदाता हो सकते हैं, जिन्हें हटाने के निर्देश जारी किए गए हैं। चूंकि पंचायत चुनाव की मतदाता सूचियों में फिलहाल मतदाताओं के फोटो नहीं हैं, इससे फर्जी वोटिंग का खतरा बना हुआ है।

कैसे काम करेगी नई व्यवस्था?

मतदान केदिन सभी पीठासीन अधिकारी इस ऐप का इस्तेमाल करेंगे। वे अपने मोबाइल नंबर पर प्राप्त वन टाइम पासवर्ड की सहायता से ऐप में लॉगइन कर सकेंगे। प्रत्येक मतदाता का फोटो लेते समय उसका विशिष्ट मतदाता पहचान नंबर भी सिस्टम में दर्ज हो जाएगा। यदि वही नंबर कहीं और दर्ज होता है तो पहले वाले मतदान की पूरी जानकारी - जैसे स्थान, तारीख और समय - सामने आ जाएगी। इस तरह की तकनीक का सफल प्रयोग मध्य प्रदेश के पंचायत चुनावों में भी किया जा चुका है।

भविष्य के लिए उपयोगी डेटा

इस पूरीप्रक्रिया का एक और लाभ यह होगा कि आयोग के पास 70-80 प्रतिशत मतदाताओं के फोटो का एक विशाल डेटाबेस तैयार हो जाएगा। इस डेटा का उपयोग भविष्य में फोटो युक्त मतदाता पहचान पत्र बनाने के लिए किया जा सकेगा, जिससे भविष्य में मतदाता सूचियों को और अधिक पारदर्शी एवं सटीक बनाने में मदद मिलेगी।

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