झांसी:फसल बर्बाद, किसान ने की आत्महत्या; बेटी की सगाई का दबाव था सिर पर *DEAO* #24
झांसी के मोंठ थाना क्षेत्र के कुम्हरार गांव में 48 वर्षीय किसान कमलेश यादव ने शुक्रवार सुबह आत्महत्या कर ली। मोन्था तूफान से हुई बारिश ने उनकी 15 बीघे की धान की फसल पूरी तरह बर्बाद कर दी थी। परिवार के अनुसार, आगामी 15 दिनों में उनकी बेटी की सगाई तय होनी थी, जिसके चलते वह काफी डिप्रेशन में चले गए थे। पुलिस ने मामले की जाँच शुरू कर दी है।
फसल बर्बादी ने ली एक जान
झांसीके कुम्हरार गांव में एक किसान की आत्महात्या ने परिवार को तबाह कर दिया है। 48 वर्षीय कमलेश यादव ने शुक्रवार की सुबह अपने घर में फंदा लगाकर जान दे दी। घटना की जानकारी मिलते ही मोंठ थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मामले की छानबीन जारी है।
फसल बर्बाद होने से मानसिक आघात
मृतक कमलेश यादव केपास खुद की पांच बीघा जमीन थी, जबकि उन्होंने दस बीघा खेत बटाई पर ले रखा था। इन सभी 15 बीघा में लगी पककर तैयार धान की फसल, मोन्था तूफान की वजह से हुई भारी बारिश के कारण पूरी तरह से खराब हो गई। इसी घटना के बाद से वह गहरे डिप्रेशन में चले गए थे। परिवार के सदस्यों के मुताबिक, फसल बर्बाद होने के बाद वह लगातार परेशान रहने लगे थे और घटना वाले दिन रात का खाना भी नहीं खाया था।
आगामी शादी का बोझ और अंतिम घटनाक्रम
घटनासे जुड़े सूत्रों के अनुसार, कमलेश यादव की बेटी की सगाई तय हो चुकी थी और महज 15 दिन बाद फलदान की रस्म होनी थी। उनकी यह उम्मीद थी कि धान की फसल बेचकर वह इस कार्यक्रम का खर्च उठा पाएंगे, लेकिन फसल के पूरी तरह बर्बाद हो जाने से यह योजना चौपट हो गई। गुरुवार की रात वह अकेले ही कमरे में सोने चले गए। शुक्रवार सुबह जब उनकी पत्नी कमरे में गईं तो उन्हें पंखे से लटका हुआ पाया। इसके बाद पूरे घर में हड़कंप मच गया। परिवार के लोगों ने उन्हें नीचे उतारा, लेकिन तब तक वह नहीं रहे।
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