वृंदावन: 54 साल बाद खुला बांके बिहारी का खजाना, 3 कलश और खाली बक्से मिले#9 *wbc*


वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर का 160 साल पुराना खजाना शनिवार को 54 वर्षों बाद खोला गया। इस प्रक्रिया में अब तक तीन कलश, एक लोहे व लकड़ी का बक्सा और चांदी का एक छत्र मिला है, जबकि ज्वेलरी के कई डिब्बे खाली पाए गए।

चलिए समझते हैं पूरा घटनाक्रम

शनिवार, 18 अक्टूबर 2025 को बांके बिहारी मंदिर के गर्भगृह के पास स्थित तहखाने को खोलने की प्रक्रिया शुरू हुई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित हाई पावर कमेटी में सिविल जज, सिटी मजिस्ट्रेट राकेश कुमार, एसपी सिटी, सीओ वृंदावन, सीओ सदर संदीप सिंह और चारों गोस्वामी शामिल थे। अधिकारियों की मौजूदगी में दरवाजे को ग्राइंडर से काटा गया। कमेटी सदस्य दिनेश गोस्वामी ने प्रक्रिया शुरू होने से पहले दरवाजे पर दीपक जलाया।

खजाने से क्या-क्या मिला?

अब तक की खोज में टीम को लोहे और लकड़ी के दो बक्से मिले हैं। लकड़ी के बक्से के अंदर ज्वेलरी के कई छोटे-बड़े खाली डिब्बे, 4-5 ताले और 2 फरवरी, 1970 का लिखा एक पत्र मिला। इसके अलावा तीन कलश और एक चांदी का छोटा छत्र भी बरामद हुआ है। कमेटी के सदस्य शैलेंद्र गोस्वामी ने बताया कि पहले दिन की प्रक्रिया पूरी हो गई है और अगली प्रक्रिया दिवाली के बाद शुरू होने की संभावना है।

सुरक्षा और अन्य तैयारियाँ

कई दशकों से बंद रहने के कारण अंदर सांप-बिच्छू होने की आशंका के मद्देनजर वन विभाग की टीम स्नैक कैचर लेकर मौजूद थी, जिसने सर्चिंग के दौरान सांप के दो बच्चे पकड़े। गैस जैसी कोई समस्या न हो, इसके लिए नीम की पत्तियां भी मंगवाई गई थीं। प्रक्रिया के दौरान कमेटी के सदस्यों ने मास्क पहने और धूल व मलबे के कारण कुछ गोस्वामियों को सांस लेने में तकलीफ होने पर बाहर आना पड़ा।

कुछ गोस्वामियों ने जताई नाराजगी

खजाना खोले जाने की प्रक्रिया को लेकर कुछ गोस्वामी नाराजगी जताते देखे गए। अनंत गोस्वामी ने शिकायत की कि उन्हें प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया और प्रक्रिया लाइव नहीं दिखाई जा रही है। वहीं, मनोज गोस्वामी ने मंदिर की मर्यादा का हवाला देते हुए खजाना न खोलने की अपील की और अंदर एक 'दाढ़ी वाला नाग' होने की बात कही। मथुरा के एडीएम वित्त एवं राजस्व पंकज वर्मा ने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से यह प्रक्रिया संपन्न कराई जा रही है और सभी चीजों का वीडियो रिकॉर्ड किया जा रहा है।

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