लखनऊ: मायावती का नौ साल बाद शक्ति प्रदर्शन, सरकार बनने पर बदलेंगे सभी ‘जातिविरोधी’ कानून #29 *JJ*

लखनऊ, 09 अक्टूबर 2025:

बसपा सुप्रीमो मायावती ने राजधानी लखनऊ के गार्डन सफारी के मैदान में नौ साल बाद भव्य शक्ति प्रदर्शन का आयोजन किया। लाखों पार्टी कार्यकर्ता सहयोगी स्थानीय जनप्रतिनिधि व समर्थक–अपने खून-पसीने की कमाई खर्च कर पहुंचे, न कि किसी उम्मीदवार के पैसे पर बुलाए गए। मंच से मायावती ने कसा सपा–कांग्रेस–भाजपा पर तंज, योगी सरकार की तारीफ की और भरोसा जताया कि 2027 में पूर्ण बहुमत से बसपा की सरकार बनेगी।


परिचय

सात अक्टूबर 2025 को लखनऊ में आयोजित इस महारैली ने अपनी भीड़ और जोश के मामले में यहां अब तक की सबसे बड़ी रैली का रिकॉर्ड तोड़ दिया। मायावती ने कहा कि प्रदेश में उनकी सरकार बनने पर उन सभी कानूनों को समाप्त या संशोधित किया जाएगा जो दलित-पिछड़ों के खिलाफ बनाए गए हैं। उन्होंने ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ की पंथानुरूप व्यवस्था लागू करने का वचन भी दोहराया।


रैली का माहौल और प्रमुख बिंदु

इस शक्ति प्रदर्शन में सबसे खास था मायावती का बुलंद हौसला और कार्यकर्ताओं का उत्साह। मंच पर उन्होंने आकाश आनंद की तारीफ की—जो उनके नेतृत्व में बसपा का जनाधार मजबूत करने में जुटे हैं—और सभी से हर परिस्थिति में उनका साथ देने का आह्वान किया।

1. ‘कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी’

मायावती ने कहा कि जातिवादी दल संविधान को बदलकर अपने स्वार्थ सिद्धि की कोशिश करते रहते हैं, पर बसपा कभी ऐसा नहीं होने देगी। उन्होंने वादा किया कि 2027 में यूपी में पूर्ण बहुमत से बसपा की सरकार आएगी और सभी दलित-विरोधी कानूनों को रद्द कर डाला जाएगा।

2. अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय

बसपा केवल अकेले ही विधानसभा चुनाव मैदान में उतरेगी, क्योंकि गठबंधन में वोट साझा करने पर बसपा को नुकसान होता है। मायावती ने बताया कि पिछली बार गठबंधन के कारण बसपा सरकार कार्यकाल पूरा नहीं कर सकी। इसलिए 2027 के विधानसभा चुनाव में बसपा ‘सिंगल फ्रंट’ में उतरेगी।

3. पदोन्नति आरक्षण पर हमलावर तेवर

उन्होंने आरोप लगाया कि सपा, कांग्रेस और भाजपा ने सदन में पदोन्नति आरक्षण के बिल का विरोध कर दलित-पिछड़ों को उनके संवैधानिक अधिकार से वंचित रखा। मायावती ने कहा कि बसपा सरकार बनने पर इन वर्गों के उत्थान के लिए उचित पदोन्नति आरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा।

4. इमरजेंसी का जिक्र और संविधान का अपमान

मायावती ने कांग्रेस पर 1975 के इमरजेंसी काले अध्याय का हवाला देते हुए कहा कि तब संवैधानिक मूल्यों का अपमान हुआ था। आज कांग्रेस नेता हाथ में संविधान की प्रति लेकर ‘नाटकबाजी’ कर रहे हैं, जबकि वास्तविकता इससे भिन्न है।

5. योगी सरकार के प्रति आभार

रैली में उन्होंने योगी आदित्यनाथ सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि भाजपा ने कांशीराम स्मारक के रखरखाव के लिए टिकट राजस्व खर्च किया, जबकि सपा सरकारों ने इसे जनता के पैसे से दबाकर रखा।


जनता की प्रतिक्रिया

रैली स्थल पर मौजूद कार्यकर्ताओं ने समर्थन जताते हुए कहा कि मायावती की सरकार बनने पर उन्हें रोजी-रोटी और रोजगार की चिंता नहीं रहेगी। वहीं सोशल मीडिया पर #बसपा_शक्ति_प्रदर्शन ट्रेंड कर रहा था, जहां समर्थक मायावती के पांचों बयानों को लेकर उत्साहित नजर आए।


आगे की राह

मायावती ने अंत में कार्यकर्ताओं से अपील की कि बूथ स्तर पर छोटी-छोटी सभाओं के जरिए जनता को बसपा के चार बार के शासनकाल की उपलब्धियों से अवगत कराया जाए। उन्होंने भरोसा जताया कि यूपी में ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ की सरकार के लिए इस शक्ति प्रदर्शन ने ठोस नींव रख दी है।


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