पराली जलाने पर सरकार सख्त, सैटेलाइट निगरानी और 2500 से 15000 रुपये तक का जुर्माना #42 *WE*

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पराली जलाने की घटनाओं को 'शून्य' करने का लक्ष्य रखा है। सैटेलाइट निगरानी के तहत उल्लंघन करने वालों पर क्षेत्रफल के आधार पर 2,500 से 15,000 रुपये का जुर्माना लगेगा। किसानों को वैकल्पिक उपायों के प्रति जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं।


चलिए जानते हैं पूरी योजना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के कड़े निर्देश जारी किए हैं। सरकार ने पूरे प्रदेश में इन घटनाओं को पूरी तरह से खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके तहत सैटेलाइट के माध्यम से लगातार निगरानी की जाएगी।

क्या होगा उल्लंघन की स्थिति में?

सरकार द्वारा तय कार्ययोजना के अनुसार, पराली जलाने के क्षेत्रफल के आधार पर जुर्माने की राशि तय की गई है। उल्लंघन करने वाले किसानों पर 2,500 रुपये से लेकर 15,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। सरकार का मानना है कि पराली जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है और जनस्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।

###'कैसे चलेगा फील्ड में अमल?

जिलाधिकारियों को सैटेलाइट निगरानी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है, ताकि किसी भी घटना को तुरंत चिन्हित किया जा सके। हर 50 से 100 किसानों पर एक नोडल अधिकारी तैनात किया जाएगा। फसल कटाई के दौरान राजस्व, पुलिस, कृषि, ग्राम्य विकास और पंचायती राज विभाग के अधिकारी मैदान में मौजूद रहेंगे।

किसानों को क्या मिलेगा विकल्प?

मुख्यमंत्री ने किसानों को पराली के वैकल्पिक उपायों के प्रति जागरूक करने के लिए एक व्यापक योजना लागू करने के निर्देश दिए हैं। किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए मशीनरी, कम्पोस्टिंग यूनिट और जैविक विकल्प उपलब्ध कराए जा रहे हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि पराली जलाना भूमि की उर्वरता को भी कम करता है।

सभी से की गई अपील

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनप्रतिनिधियों और स्वयंसेवी संस्थाओं से भी इस अभियान में भागीदारी की अपील की है। कृषि विभाग लगातार किसानों को पराली से खाद बनाने के लिए जागरूक कर रहा है। साथ ही, यह भी स्पष्ट किया गया है कि उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

टिप्पणियाँ