उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल, 10 जिलों ने नए डीएम, 46 IAS अधिकारियों के तबादले #18 *AWE*
संक्षिप्त खबर
लखनऊ, 28 अक्टूबर 2025: उत्तर प्रदेश में विशेष गहन संशोधन से पूर्व 46 आईएएस अधिकारियों के बड़े पैमाने पर तबादले किए गए हैं। हाथरस, सीतापुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, चित्रकूट, ललितपुर, श्रावस्ती, रामपुर, बलरामपुर और कौशांबी के जिलाधिकारियों में बदलाव हुआ है। मेरठ व सहारनपुर के कमिश्नर भी बदले गए, जबकि विजय किरण आनंद को औद्योगिक विकास की अतिरिक्त जिम्मेदारियां सौंपी गईं।
जिलों में नई जिम्मेदारियां सौंपी गईं
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में 10 जिलों के जिलाधिकारियों में व्यापक फेरबदल किया है। हाथरस में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष अतुल वत्स को नया जिलाधिकारी बनाया गया है। चित्रकूट के लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग की नियुक्ति हुई है, जबकि बस्ती में राज्य कर विभाग की विशेष सचिव कृत्तिका ज्योत्सना को जिलाधिकारी का दायित्व सौंपा गया।
बलरामपुर में मुख्यमंत्री कार्यालय के विशेष सचिव डॉ. विपिन कुमार जैन को जिलाधिकारी बनाया गया है। वे मूल रूप से मध्य प्रदेश के निवासी हैं और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, भोपाल से एमबीबीएस की उपाधि प्राप्त कर चुके हैं। उनकी पत्नी अपर्णा गर्ग ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी हैं। जैन ने अपने प्रशासनिक सफर की शुरुआत बलिया में संयुक्त मजिस्ट्रेट के रूप में की थी।
रामपुर में 2015 बैच के पूर्व जिलाधिकारी जोगिंदर सिंह को नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग में विशेष सचिव के पद पर स्थानांतरित किया गया। उनकी जगह श्रावस्ती के पूर्व जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी को रामपुर का नया जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है। सिद्धार्थनगर में डॉ. राजा गणपति आर को सीतापुर का जिलाधिकारी बनाया गया, जबकि चित्रकूट के पूर्व जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन को सिद्धार्थनगर भेजा गया।
तबादलों के पीछे छिपे कारण
ललितपुर के जिलाधिकारी अमनदीप डुली को मात्र तीन महीने में ही पद से हटा दिया गया। 29 जुलाई 2025 को उन्होंने ललितपुर का पदभार संभाला था। दीपावली पर जारी एक वीडियो में उनकी हेयरस्टाइल और लुक को लेकर सोशल मीडिया पर व्यापक ट्रोलिंग हुई, हालांकि कुछ लोगों ने उनकी ईमानदारी की सराहना भी की। सूत्रों के अनुसार, उनके रहन-सहन, कार्यशैली और बुंदेलखंडी भाषा को न समझ पाने की वजह से यह कदम उठाया गया। डुली मूल रूप से तेलंगाना के अनंतगिरि के निवासी हैं। उनकी पिछली पोस्टिंग्स में झांसी में असिस्टेंट कलेक्टर, बस्ती में संयुक्त मजिस्ट्रेट, बलरामपुर में मुख्य विकास अधिकारी, गौतमबुद्धनगर में ग्रेटर नोएडा के अतिरिक्त कार्यकारी अधिकारी और लखनऊ में विशेष सचिव शामिल हैं। उनकी जगह झांसी के नगर आयुक्त सत्य प्रकाश को ललितपुर का नया जिलाधिकारी बनाया गया।
सिद्धार्थनगर के तबादले को 23 सितंबर 2025 को हुए दुर्गा मंदिर विवाद से जोड़ा जा रहा है। नवरात्र के तीसरे दिन विकास भवन के पास स्थित एक पुराने दुर्गा मंदिर को जेसीबी से ध्वस्त कर दिया गया था, जिसके मलबे को नाले में फेंक दिया गया। अगले दिन श्रद्धालुओं ने मलबे पर पहुंचकर शोक व्यक्त किया। डुमरियागंज के सांसद जगदंबिका पाल ने मौके पर धरना दिया और प्रशासन से बातचीत की। बस्ती मंडल के आयुक्त अखिलेश सिंह ने विवाद सुलझाने के लिए नया मंदिर बनाने का आश्वासन दिया। 29 सितंबर को प्रशासन व श्रद्धालुओं के सहयोग से उसी स्थान पर दुर्गा मंदिर का पुनर्निर्माण पूरा हो गया।
रामपुर में जोगिंदर सिंह के तबादले को पूर्व विधायक आजम खान की जमानत के बाद उनकी सक्रियता से जुड़ी सरकारी नाराजगी से जोड़ा जा रहा है।
कमिश्नरों व विभागों में फेरबदल
मेरठ मंडल के कमिश्नर हृषिकेश भास्कर याशोद को राजस्व विभाग में सचिव, राहत आयुक्त और चकबंदी आयुक्त बनाया गया है। उनकी जगह राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी को मेरठ का नया मंडलायुक्त नियुक्त किया गया। गोस्वामी गर्मियों से मानसून तक राहत कार्यों के बेहतर संचालन के लिए जाने जाते हैं। वे पहले राजस्व विभाग के सचिव, राहत आयुक्त और चकबंदी आयुक्त रह चुके हैं।
सहारनपुर मंडल के कमिश्नर अटल कुमार राय को गृह विभाग में सचिव पद पर भेजा गया। डॉ. रूपेश कुमार को राज्य विद्युत उत्पादन निगम और पावर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक पद से हटाकर सहारनपुर का कमिश्नर बनाया गया।
औद्योगिक विकास विभाग में मयूर माहेश्वरी को हटा दिया गया। निवेशकों को समय पर जमीन उपलब्ध न करा पाने के कारण यह कदम उठाया गया। इन्वेस्ट यूपी के सीईओ विजय किरण आनंद को औद्योगिक विकास विभाग का सचिव, औद्योगिक विकास प्राधिकरण का सीईओ और एनआरआई सेल का प्रभार सौंपा गया। वे मुख्यमंत्री के करीबी अधिकारियों में शुमार हैं और महत्वपूर्ण औद्योगिक मामलों में सीधे उच्च स्तर पर चर्चा करते हैं। उनकी भूमिका अब अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार से भी अधिक प्रभावशाली हो गई है।
प्रमुख महिलाओं को नई भूमिकाएं
2014 बैच की आईएएस अधिकारी ईशा दुहन को पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम, मेरठ के एमडी पद से हटाकर उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल्स संघ लिमिटेड का एमडी बनाया गया। हरियाणा के पंचकुला की रहने वाली ईशा ने बायोटेक में बीटेक किया और यूपीएससी में 59वीं रैंक हासिल की। वे प्रशासनिक सेवा में सख्ती के लिए 'लेडी सिंघम' के नाम से जानी जाती हैं। जुलाई 2025 में मुरादाबाद में ऊर्जा मंत्री के कार्यक्रम के दौरान बिजली कटने पर उन्होंने चीफ इंजीनियर समेत पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। सितंबर 2022 से फरवरी 2023 तक चंदौली की जिलाधिकारी रहते हुए चकिया तहसील के फिरोजपुर गांव में आईटीआई भवन के घटिया निर्माण पर अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई थी।
ये तबादले मुख्य रूप से 2016 बैच के अधिकारियों को जिलाधिकारी बनाने पर केंद्रित हैं। विपक्ष ने इन बदलावों पर पक्षपातपूर्ण नियुक्तियों का आरोप लगाया है, जिसमें जिलों के डीएम, एडीएम (चुनाव), 403 विधानसभा क्षेत्रों के ईआरओ और बीएलओ की तैनाती को जाति व धर्म के आधार पर बताया गया। चुनाव आयोग से पूर्वाग्रही अधिकारियों को हटाने की मांग की गई है।
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