SSC परीक्षा: सोशल मीडिया पर पेपर का विश्लेषण, चर्चा या शेयर करने पर 10 साल की जेल या 1 करोड़ जुर्माना #7 *IOW*

सारांश: 

स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (SSC) ने सोशल मीडिया पर अपने किसी भी एग्जाम के क्वेश्चन पेपर का एनालिसिस, डिस्कशन या शेयरिंग करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। PEA एक्ट, 2024 के तहत उल्लंघन करने वालों को 10 साल की जेल या 1 करोड़ रुपये तक के जुर्माने की सजा हो सकती है।

चलिए समझते हैं पूरा मामला

स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (SSC) ने एक बड़ा और सख्त फैसला लिया है। आयोग ने साफ तौर पर कहा है कि अब कोई भी व्यक्ति या संस्था सोशल मीडिया पर SSC के किसी भी एग्जाम के क्वेश्चन पेपर का विश्लेषण (Analysis), चर्चा (Discussion) या उसे शेयर (Share) नहीं कर सकती है।

किन पर लागू होता है ये नया नियम?

SSC ने जारी अपने आधिकारिक नोटिस में सभी कंटेंट क्रिएटर्स, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और शिक्षकों (Teachers) को सीधे तौर पर निर्देशित किया है। आयोग का कहना है कि यह प्रतिबंध उन सभी पर लागू होता है। चाहे एग्जाम हो चुका हो या जारी हो, किसी भी हालत में पेपर की ऑनलाइन चर्चा वर्जित है।

उल्लंघन करने पर क्या सजा मिलेगी?

इस आदेश की अवहेलना करने वालों के लिए SSC ने गंभीर चेतावनी जारी की है। ऐसा करने पर ‘पब्लिक एक्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट, 2024’ यानी PEA एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस कानून के तहत दोषी पाए जाने पर अधिकतम 10 साल की कैद या 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना या फिर दोनों ही सजाएं हो सकती हैं।

SSC ने ये कदम क्यों उठाया?

आयोग ने इस strict action का कारण बताया है। SSC का कहना है कि उसने देखा है कि कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उसके हो चुके या जारी एग्जाम के पेपर्स की खुली चर्चा और विश्लेषण किया जा रहा है। आयोग का मानना है कि इस तरह की गतिविधियों से परीक्षा की शुचिता (Integrity) और निष्पक्षता (Fairness) भंग होती है। इससे परीक्षा प्रक्रिया की गोपनीयता और credibility को नुकसान पहुंचता है।

आगे क्या रहेगा प्रभाव?

इस नए नियम के बाद, अब YouTube, Facebook, Instagram, Telegram जैसे प्लेटफॉर्म्स पर SSC के पेपर्स के रियल-टाइम अनालिसिस, डिस्कशन या पेपर लीक से जुड़ी कोई भी सामग्री बनाना या शेयर करना एक गंभीर अपराध माना जाएगा। इसकी जिम्मेदारी कंटेंट बनाने वाले और प्लेटफॉर्म, दोनों की होगी।

टिप्पणियाँ