नेपाल: राजधानी में प्रदर्शकारियों को देखते ही गोली मारने का आदेश, गृहमंत्री रमेश लेखक का इस्तीफा #6 *GJQ*

सारांश: 

नेपाल में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ Gen-Z युवाओं के विरोध प्रदर्शन में 20 लोगों की मौत, 250+ घायल। गृहमंत्री रमेश लेखक ने इस्तीफा दिया। काठमांडू समेत 7 शहरों में कर्फ्यू, प्रशासन ने तोड़फोड़ करने वालों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए।

चलिए समझते हैं पूरा घटनाक्रम

नेपाल की राजधानी काठमांडू में सोमवार को भारी हिंसा हुई। सुबह से सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ लगभग 12 हजार प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। युवाओं के एक बड़े समूह ने संसद भवन के परिसर में घुसपैठ की और गेट नंबर 1 और 2 पर कब्जा कर लिया। नेपाल के इतिहास में यह संसद में पहली बार घुसपैठ का मामला है।

क्यों भड़का इतना बड़ा विरोध?

इस विरोध प्रदर्शन की मुख्य वजह सरकार द्वारा 3 सितंबर को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब समेत 26 सोशल मीडिया साइटों पर लगाया गया प्रतिबंध बताया जा रहा है। सरकार का कहना था कि इन प्लेटफॉर्म्स ने संचार मंत्रालय में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था। इसके अलावा, बढ़ते भ्रष्टाचार के खिलाफ भी युवाओं में गहरा गुस्सा था। इस आंदोलन की अगुआई 18 से 28 साल के युवा (जेन-जेड) कर रहे हैं।

गोलीबारी और हिंसा में हुईं मौतें

प्रदर्शनकारियों के संसद परिसर में घुसने के बाद हालात बेकाबू हो गए। सेना ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कई राउंड फायरिंग की। इस गोलीबारी में अब तक 20 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है जबकि 250 से अधिक लोग घायल हुए हैं। हिंसा इतनी बढ़ गई कि प्रशासन ने तोड़फोड़ करने वालों को देखते ही गोली मारने के आदेश तक जारी कर दिए।

गृहमंत्री ने दिया इस्तीफा, कर्फ्यू लगा

बढ़ते दबाव और हिंसा के बीच नेपाल के गृहमंत्री रमेश लेखक ने पद से इस्तीफा दे दिया। नेपाल की कैबिनेट ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। हालात पर काबू पाने के लिए राजधानी काठमांडू के साथ-साथ बीरगंज, भैरहवा, बुटवल, पोखरा, इटहरी और दमक समेत 7 शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, उपराष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री आवास के आस-पास के इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

सोशल मीडिया बैन हटाया गया

युवाओं के विरोध और दबाव के आगे सरकार को झुकना पड़ा है। सरकार ने सोशल मीडिया एप्लिकेशन पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा लिया है। यह फैसला प्रदर्शनकारियों की एक बड़ी मांग थी। मामले की जाँच जारी है और स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है।

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