अयोध्या: रामकोट परिक्रमा में गूंजे गायत्री मंत्र, गायत्री परिवार के साधकों ने दिखाई सामूहिक आस्था *DEKP* #6

अयोध्या में मंगलवार 24 सितंबर को अखिल विश्व गायत्री परिवार के सैकड़ों साधकों ने रामकोट की परिक्रमा की। परिक्रमा राम जन्मभूमि से शुरू होकर टेढ़ी बाजार, गोकुल भवन आदि स्थानों से गुजरी। साधकों ने गायत्री मंत्र जपकर सद्भाव का संदेश दिया और अंत में शांतिपाठ किया।

परिक्रमा का आगाज और माहौल

पावन नगरी अयोध्या का वातावरण मंगलवार को भक्ति और आध्यात्मिकता से सराबोर हो गया, जब अखिल विश्व गायत्री परिवार के सैकड़ों साधकों ने सुबह-सुबह सामूहिक रूप से रामकोट की परिक्रमा शुरू की। साधकों ने हाथों में ध्वज लिए और पूरे रास्ते भजन-कीर्तन तथा गायत्री मंत्र का जप किया। "ओम् भूर्भुवः स्वः.. एव जय श्री राम जय श्री राम" के उच्चारणों ने वातावरण को दिव्य बना दिया।

परिक्रमा मार्ग के प्रमुख पड़ाव

यह परिक्रमा श्री राम जन्म भूमि से प्रारंभ होकर टेढ़ी बाजार, गोकुल भवन, अशर्फी भवन, मत्गजेंद्र और हनुमानगढ़ी तिराहा होते हुए वापस श्री राम जन्म भूमि पर ही संपन्न हुई। इस दौरान स्थानीय श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में जुड़े और "रामलला के जयघोष" व "भारत माता की जय" के नारों से मार्ग गूंज उठा।

साधकों का सामाजिक संदेश

कार्यक्रम में साधकों ने स्पष्ट किया कि यह परिक्रमा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि समाज में सद्भाव, संस्कार और राष्ट्र के उत्थान का संकल्प है। उन्होंने कहा कि गायत्री परिवार का मुख्य उद्देश्य समाज को नशामुक्त, शिक्षित और संस्कारित बनाना है।

समापन में शांतिपाठ और प्रार्थना

परिक्रमा के अंत में सभी साधकों ने रामकोट प्रांगण में सामूहिक शांतिपाठ किया। उन्होंने अयोध्या, पूरे राष्ट्र की सुख-समृद्धि और विश्व शांति के लिए प्रार्थना की। इस अवसर पर अयोध्या गायत्री शक्तिपीठ के व्यवस्थापक श्री राम केवल बाबू जी, संजय चतुर्वेदी, महेंद्र सिंह, विनोद सिंह, इंजीनियर राम अवतार गर्ग, डॉ. अनुराग तिवारी, सुशील जयसवाल, नरेन्द्र जी और अनुपम पाण्डेय सहित कई लोग मौजूद रहे। मीडिया प्रभारी श्रीमती नीलम मिश्र ने जानकारी दी।

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