यूपी: 5 साल के 30 लाख ई-चालान होंगे माफ, 30 दिन में पूरा होगा काम *WEOH* #9
सारांश: यूपी परिवहन विभाग ने 1 जनवरी 2017 से 31 दिसंबर 2021 के बीच बने 12.93 लाख लंबित ई-चालान माफ कर दिए हैं। परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने कहा कि 30 दिन में सभी चालान पोर्टल से हटेंगे, हालाँकि कोई रिफंड नहीं मिलेगा।
चलिए समझते हैं पूरा फैसला
उत्तर प्रदेश के वाहन मालिकों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर है। राज्य के परिवहन विभाग ने पांच सालों के दौरान बने लंबित पड़े लाखों ई-चालानों को माफ करने का बड़ा फैसला लिया है। इसका सीधा फायदा यह होगा कि वाहन मालिकों को फिटनेस, परमिट, वाहन ट्रांसफर और HSRP (हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट) जैसी जरूरी सेवाएं लेने में अब अड़चन का सामना नहीं करना पड़ेगा।
किन चालानों को मिलेगी माफी?
यह राहत सिर्फ उन्हीं चालानों के लिए है जो 1 जनवरी 2017 से 31 दिसंबर 2021 की अवधि के दौरान कटे थे और अभी तक बकाया थे। विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, इस अवधि में कुल 30.52 लाख ई-चालान बने थे, जिनमें से 17.59 लाख का निस्तारण पहले ही हो चुका है। अब बचे हुए 12.93 लाख लंबित चालानों को माफ किया जाएगा। इनमें से 10.84 लाख चालान कोर्ट में लंबित थे जबकि 1.29 लाख चालान ऑफिस लेवल पर पेंडिंग थे।
क्या सभी तरह के चालान शामिल हैं?
नहीं। यह माफी सभी तरह के चालानों पर लागू नहीं होगी। गंभीर अपराधों, दुर्घटनाओं, आईपीसी (IPC) से जुड़े मामलों या टैक्स से संबंधित देनदारियों वाले चालान इस स्कीम के दायरे से बाहर रहेंगे। इसका मतलब है कि केवल सामान्य ट्रैफिक उल्लंघनों के ई-चालान ही इस राहत के पात्र हैं।
कैसे और कब तक होगा प्रक्रिया पूरी?
परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने निर्देश दिया है कि इस पूरी प्रक्रिया को अगले 30 दिनों के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। एनआईसी (NIC) की टीम पोर्टल में जरूरी बदलाव कर रही है ताकि इन चालानों को सिस्टम से हटाया जा सके। हर सप्ताह प्रगति की निगरानी के लिए एक डैशबोर्ड भी अपडेट किया जाएगा।
वाहन मालिकों के लिए क्या बदलेगा?
· एक महीने के भीतर, पोर्टल पर आपके सभी पुराने लंबित चालान 'Disposed-Abated' (कोर्ट वाले) या 'Closed-Time-Bar (Non-Tax)' (ऑफिस लेवल वाले) दिखने लगेंगे।
· इससे वाहन संबंधी सभी सेवाओं पर लगा अवरोध हट जाएगा।
· हालाँकि, इसका मतलब यह नहीं है कि जो जुर्माना लोग पहले भर चुके हैं, उन्हें वापस मिलेगा। रिफंड की कोई व्यवस्था नहीं है।
परिवहन आयुक्त ने क्या कहा?
परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने इस फैसले को कानूनन सही, जन-हितैषी और पारदर्शी प्रशासन की प्रतिबद्धता बताया। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य है कि नागरिकों को सुगमता, सुरक्षा और सम्मानजनक सेवा अनुभव मिले। सभी अधिकारी और कर्मचारी तय समय-सीमा में शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करें।"
निष्कर्ष
इस कदम से उन सभी वाहन मालिकों को भारी राहत मिलेगी, जो पुराने चालानों की वजह से वाहनों का ट्रांसफर या HSRP लगवाने जैसे काम नहीं कर पा रहे थे और उन्हें अनावश्यक रूप से कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ रहे थे।
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