अयोध्या : करोड़ों के घोटाले के आरोपी मुख्य अभियंता हटाए गए, भाजपा विधायक के पत्र के बाद कार्रवाई *LUEK* #36
अयोध्या : करोड़ों के घोटाले के आरोपी मुख्य अभियंता हटाए गए, भाजपा विधायक के पत्र के बाद कार्रवाई
अयोध्या ब्यूरो
सारांश: भाजपा विधायक रामचंद्र यादव के शिकायती पत्र के बाद, अयोध्या परिक्षेत्र के मुख्य अभियंता अशोक कुमार चौरसिया को तत्काल प्रभाव से हटाकर पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम भेज दिया गया। उन पर एक करोड़ रुपये के घोटाले और जेई नरेश जायसवाल के साथ मिलकर संपत्ति डीलिंग के आरोप लगे हैं।
चलिए समझते हैं पूरा घटनाक्रम
अयोध्या बिजली विभाग में घोटाले के गंभीर आरोपों के बीच एक बड़ी कार्रवाई हुई है। करोड़ों रुपये के घोटाले के आरोपी मुख्य अभियंता (एक्सइन) अशोक कुमार चौरसिया को उनके पद से हटा दिया गया है। यह कार्रवाई भाजपा विधायक रामचंद्र यादव द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे गए पत्र के बाद की गई है।
विधायक ने क्या लिखा पत्र में?
विधायक रामचंद्र यादव ने सीएम को इसी माह दो पत्र लिखे थे। पहले पत्र में उन्होंने मुख्य अभियंता अशोक कुमार चौरसिया पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि चौरसिया पर पिछले तैनाती (नानपारा, कैसरगंज, भिनगा) के दौरान एक करोड़ रुपये के वित्तीय गबन का आरोप लगा था। एक जांच में उन्हें दोषी पाया गया, लेकिन बिना रकम वसूली के ही उन्हें दोषमुक्त कर दिया गया और कोई आपराधिक मामला भी दर्ज नहीं किया गया। विधायक ने नई जांच और रकम वसूली की मांग की थी।
जेई नरेश जायसवाल पर क्या आरोप हैं?
दूसरे पत्र में विधायक ने जूनियर इंजीनियर (जेई) नरेश जायसवाल पर अनियमितताओं के आरोप लगाए। आरोप है कि वर्ष 2003 से ही नरेश अयोध्या (फैजाबाद) में ही विभिन्न जगहों पर तैनात हैं और उन्होंने यहाँ प्रॉपर्टी डीलिंग का धंधा शुरू कर रखा है। उन पर आरोप है कि उन्होंने निराला नगर में दो मंजिला मकान और बिजली घर चौक के पास एक व्यावसायिक भवन बनवाया है। इसी भवन में उनके बेटे और बहू के नाम से एक सोलर एजेंसी चल रही है और आरोप है कि वे उपभोक्ताओं को अपने यहाँ से ही सोलर खरीदने के लिए मजबूर करते हैं।
मुख्य अभियंता और जेई के बीच क्या कनेक्शन है?
विधायक के पत्र के मुताबिक, जेई नरेश जायसवाल के प्रॉपर्टी डीलिंग के कारोबार में मुख्य अभियंता अशोक कुमार चौरसिया भी साझीदार बताए गए हैं। आरोप है कि चौरसिया ने नरेश का स्थानांतरण कहीं न हो, इसके लिए एक डीओ लेटर (ध्यानाकर्षण पत्र) भी लिखा था। इसके विपरीत, कुछ विधवा महिला कर्मचारियों का स्थानांतरण उनकी सेवानिवृत्ति में महज 6 महीने बाकी होने पर दूसरे जिले में कर दिया गया।
आगे क्या हुआ कार्रवाई?
विधायक की शिकायत और लगातार हो रहे धरना-प्रदर्शन (संविदा कर्मियों द्वारा) के बाद प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मुख्य अभियंता अशोक कुमार चौरसिया को अयोध्या परिक्षेत्र से हटाने का आदेश जारी कर दिया। उनका स्थानांतरण अब पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम कर दिया गया है। विधायक ने सीएम से दोनों अधिकारियों की संपत्ति की टीएसी (थर्ड एपार्टी) जांच और कानूनी कार्रवाई की मांग की है। अब देखना है कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है।
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