कुमारगंज: एनडीयूएटी के मात्स्यिकी कॉलेज का आईसीएआर संस्थानों के साथ हुआ एमओयू, छात्रों और किसानों को मिलेगा फायदा *ITUH* #26

हेडलाइन: कुमारगंज: एनडीयूएटी के मात्स्यिकी कॉलेज का आईसीएआर संस्थानों के साथ हुआ एमओयू, छात्रों और किसानों को मिलेगा फायदा

धर्म चंद्र मिश्रा अयोध्या ब्यूरो 


सारांश: आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय (एनडीयूएटी) के मात्स्यिकी महाविद्यालय ने आईसीएआर-सीआईएफई, मुंबई और आईसीएआर-सीआईएफआरआई, कोलकाता के साथ एमओयू किया। कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह ने हस्ताक्षर किए। इससे शिक्षा, शोध और किसानों को लाभ मिलेगा।

चलिए जानते हैं पूरी खबर विस्तार से


कुमारगंज। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय (एनडीयूएटी) के मात्स्यिकी महाविद्यालय ने शिक्षा और शोध के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाया है। महाविद्यालय ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के दो प्रमुख संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

किन संस्थानों के साथ हुआ है समझौता?


एनडीयूएटी के मात्स्यिकी महाविद्यालय के साथ पहला समझौता आईसीएआर-केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान (सीआईएफई), मुंबई के साथ हुआ है। दूसरा समझौता आईसीएआर-केंद्रीय अंतर्देशीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (सीआईएफआरआई), बैरकपुर, कोलकाता के साथ किया गया है। विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति कर्नल डा. बिजेंद्र सिंह ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए।

छात्रों और किसानों को क्या-क्या मिलेगा फायदा?

इन समझौतों का सीधा लाभ विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं और स्थानीय किसानों को मिलेगा।

  • छात्रों को व्यवसायिक शिक्षा और विभिन्न प्रकार के कौशल प्रशिक्षण का अवसर मिलेगा।
  • नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों की बौद्धिक क्षमता का विकास होगा।
  • शोध कार्यों को बढ़ावा मिलेगा, खासकर प्राकृतिक जल स्रोतों से जुड़े शोधों को।
  • दोनों पक्ष एक-दूसरे के भौतिक और मानवीय संसाधनों का इस्तेमाल कर छात्रों के हित में काम करेंगे।
  • किसानों तक नई तकनीक और जानकारी का आसानी से प्रसार हो सकेगा।

शिक्षण और शोध के क्षेत्र में मिलेगी मदद

आईसीएआर-सीआईएफई, मुंबई मात्स्यिकी शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रमुख संस्थान है जो शिक्षा, शोध और प्रसार गतिविधियों में अग्रणी भूमिका निभाएगा। वहीं, सीआईएफआरआई, कोलकाता के साथ हुए समझौते से शोध और प्रसार को बढ़ावा मिलेगा। मात्स्यिकी महाविद्यालय इन संस्थानों के साथ मिलकर शिक्षण गतिविधियों के विकास और मूल्यांकन की नई तकनीकें भी विकसित करेगा।

इन लोगों की रही महत्वपूर्ण उपस्थिति

इस महत्वपूर्ण अवसर पर निदेशक प्रशासन डा. सुशांत श्रीवास्तव, कुलपति के सचिव डा. जसवंत सिंह, अधिष्ठाता डा. सी.पी. सिंह, निदेशक शोध डा. सुशील कुमार, निदेशक प्रसार डा. राम बटुक सिंह के अलावा महाविद्यालय के शिक्षक डा. दिनेश कुमार, डा. शशांक सिंह और डा. सुमन डे भी मौजूद रहे।

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