ANDUAT अयोध्या : वैज्ञानिकों से अपील: केले की नई प्रजातियां विकसित करें, जी-9 पर निर्भरता घटाएं #6 *A*

सारांश:

कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में आचार्य नरेंद्र कृषि विवि में तीन दिवसीय अधिकारी-वैज्ञानिक संवाद समाप्त हुआ। कृषि निदेशक डॉ. पी.के. त्रिपाठी ने जलवायु अनुकूल फसलों के विकास और टिश्यू कल्चर से केले की नई प्रजातियाँ (जी-9 के अलावा) किसानों तक पहुँचाने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाइव प्रसारण भी हुआ।



तीन दिन तक चला वैज्ञानिकों और अधिकारियों का संवाद

आचार्य नरेंद्र कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के प्रसार निदेशालय द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अधिकारी-वैज्ञानिक संवाद का समापन हुआ। कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह की देखरेख में चले इस कार्यक्रम के अंतिम सत्र की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के कृषि निदेशक डॉ. पी.के. त्रिपाठी ने की।


कृषि निदेशक ने दिए ये महत्वपूर्ण निर्देश

डॉ. त्रिपाठी ने वैज्ञानिकों से जलवायु परिवर्तन के अनुकूल और जैव विविधता आधारित फसल प्रजातियाँ विकसित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, "केले की जी-9 प्रजाति के अलावा टिश्यू कल्चर तकनीक से अन्य प्रजातियाँ तैयार कर किसानों को उपलब्ध कराएँ। इससे जी-9 में बीमारी फैलने पर किसानों के पास विकल्प होंगे और उत्पादन स्थिर रहेगा।"


प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का हुआ सजीव प्रसारण

इस दौरान कार्यक्रम में शामिल किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाइव प्रसारण दिखाया गया। यह पहल किसानों को सरकारी योजनाओं से सीधे जोड़ने के उद्देश्य से की गई।


वैज्ञानिकों ने साझा किए ये शोध

विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने कृषि अधिकारियों को नवीनतम शोधों से अवगत कराया:

  • डॉ. के.एम. सिंह ने लाभकारी मक्का उत्पादन की तकनीकें बताईं।
  • डॉ. पी.के. दलाल ने मधुमक्खी पालन से आमदनी बढ़ाने के तरीके समझाए।
  • डॉ. शंभू प्रसाद ने जलवायु अनुकूल धान की प्रजातियों पर चर्चा की।
  • डॉ. भगवान दीन ने फल, सब्जी, वानिकी और मेडिसिनल पौधों की नई किस्मों की जानकारी दी।
  • डॉ. आकाश ने अरहर की जलवायु-अनुकूल प्रजातियों और डॉ. एस.पी. सिंह ने प्राकृतिक खेती के फायदे बताए।

उत्तर प्रदेश के कृषि आँकड़े: देश में अव्वल

अपर निदेशक कृषि विस्तार ने बताया कि उत्तर प्रदेश:

  • 96 लाख हेक्टेयर में गन्ना उत्पादन करता है।
  • देश में 36% हिस्सेदारी के साथ गेहूँ उत्पादन में पहले स्थान पर।
  • आलू उत्पादन में भी प्रथम और चावल उत्पादन में दूसरे स्थान पर।

विभाग ने माँगे ये बीज, किसानों को मिलेगा फायदा

कृषि विभाग के अधिकारियों ने विश्वविद्यालय से ढैंचा बीज, धान बीज और दलहनी फसलों के बीज का उत्पादन बढ़ाने का अनुरोध किया। इन्हें कृषि विभाग के माध्यम से सीधे किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा।

कार्यक्रम में ये लोग रहे मौजूद

इस अवसर पर डॉ. आर.के. सिंह, डॉ. ए.के. मिश्र, विनय सिंह, ओ.पी. मिश्रा, बलराज वर्मा, पी.के. कन्नौजिया सहित विश्वविद्यालय के सभी अधिष्ठाता, निदेशक, विभागाध्यक्ष, प्रमुख शोधकर्ता और छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे। अधिकारियों ने विश्वविद्यालय के प्रयोगशालाओं और प्रक्षेत्रों का भी निरीक्षण किया।



धर्म चंद्र मिश्र, ब्यूरो अयोध्या 

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