अयोध्या: 55 विद्यालयों का विलय रद्द, एक किमी दूरी और 50+ छात्रों वाले स्कूल फिर खुलेंगे #5 *AA*

[सारांश:]

 अयोध्या जिले में परिषदीय विद्यालयों की विलय नीति बदली गई। शासन के नए निर्देशों के तहत, एक किलोमीटर से अधिक दूरी और 50+ छात्र संख्या वाले 55 विद्यालय पुनः संचालित होंगे। अभिभावकों व शिक्षकों के विरोध के बाद यह फैसला लिया गया, क्योंकि विलय से छात्रों को लंबी दूरी तय करनी पड़ रही थी। 


विलय नीति में ऐतिहासिक बदलाव

जिला प्रशासन ने परिषदीय विद्यालयों के विलय के नियमों में बड़ा संशोधन किया है। शासन के निर्देशानुसार, वे सभी स्कूल जो एक किलोमीटर से अधिक दूर हैं और जहाँ छात्र संख्या 50 से अधिक है, उन्हें फिर से चालू किया जाएगा। पहले 85 विद्यालयों को सत्र 2025-26 की शुरुआत में पास के स्कूलों में विलय कर दिया गया था, लेकिन अब इनमें से 55 को बहाल करने की तैयारी है।

क्यों उठा विरोध?

विलय के बाद छात्रों को रोजाना लंबी दूरी तय करनी पड़ रही थी, जिससे अभिभावक और शिक्षक भी परेशान थे। कई मामलों में बच्चों को खतरनाक रास्तों से गुजरना पड़ता था, जैसे नहर के किनारे या व्यस्त रुदौली मुख्य मार्ग। इसी समस्या के चलते अभिभावकों ने क्षेत्रीय संगठनों के साथ मिलकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था।

अमानीगंज के इन 6 स्कूलों को मिली राहत

विलय सूची से बाहर हुए 55 विद्यालयों में अमानीगंज क्षेत्र के 6 प्रमुख स्कूल शामिल हैं, जहाँ दूरी एक किलोमीटर से अधिक थी:

  1. पूर्व माध्यमिक विद्यालय तोर नागीपुर
  2. पूर्व माध्यमिक विद्यालय मोहली
  3. प्राथमिक विद्यालय पूरे भवानी
  4. प्राथमिक विद्यालय चिरैधापुर
  5. प्राथमिक विद्यालय पूरे कलेक्टर
  6. प्राथमिक विद्यालय पूराबली प्रथम

मया क्षेत्र के 5 विद्यालय भी हुए शामिल

मया क्षेत्र में भी पाँच विद्यालयों को विलय सूची से हटाया गया है:

  1. प्राथमिक विद्यालय कलंदरपुर
  2. प्राथमिक विद्यालय बेनवा द्वितीय
  3. प्राथमिक विद्यालय महाराजपुर
  4. प्राथमिक विद्यालय बरौली पंपरपुर
  5. प्राथमिक विद्यालय बैहरी

आगे की राह

शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इन 55 विद्यालयों को जल्द ही संसाधनों सहित पुनः सक्रिय किया जाएगा। यह कदम छात्रों की सुरक्षा और शैक्षिक सुविधा को ध्यान में रखकर उठाया गया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने पुष्टि की कि नए निर्देशों के अनुसार, भविष्य में विलय केवल उन्हीं स्कूलों पर लागू होगा जो दूरी और छात्र संख्या के मानदंडों पर खरे नहीं उतरते।

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