अवध विश्वविद्यालय: उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन में अव्यवस्था पर शिक्षकों ने किया धरना #3 *OWE*


सारांश: डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन में गड़बड़ी के खिलाफ नाराज शिक्षकों ने धरना दिया। शिक्षक संघ अध्यक्ष डॉ. जन्मेजय तिवारी ने परीक्षा नियंत्रक विनय कुमार सिंह को ज्ञापन सौंपकर मूल्यांकन प्रभारी को हटाने, बिना सहमति बाहरी परीक्षक नियुक्त करने पर रोक और अनुभवी शिक्षकों को मूल्यांकन की अनुमति देने की मांग की।



चलिए जानते हैं पूरा मामला

डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन को लेकर बुधवार को बड़ा विवाद खड़ा हो गया। नाराज शिक्षकों ने मूल्यांकन प्रक्रिया में अव्यवस्था के विरोध में धरना प्रदर्शन किया और परीक्षा नियंत्रक विनय कुमार सिंह को मांग पत्र सौंपा। इस दौरान शिक्षक संघ ने साफ किया कि अगर समस्याएं नहीं सुलझीं, तो आंदोलन तेज किया जाएगा।

क्यों भड़का शिक्षकों का गुस्सा?

अवध विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. जन्मेजय तिवारी ने बताया कि मूल्यांकन केंद्र पर गड़बड़ियों का अंबार लगा है। मुख्य रूप से तीन बिंदुओं पर शिक्षक नाराज़ हैं:

  1. प्रभारी शिक्षक का रवैया: मूल्यांकन की जिम्मेदारी संभाल रहे शिक्षक का व्यवहार अन्य शिक्षकों के प्रति "अनुचित" बताया गया। शिकायत है कि वह शिक्षक प्रतिनिधियों के फोन तक नहीं उठाते, जिससे विश्वविद्यालय की छवि धूमिल हो रही है।
  2. बाहरी परीक्षकों की मनमानी: कुछ विषयों में बिना आपसी सहमति के बाहरी परीक्षक बुलाकर मूल्यांकन कराया जा रहा है, जो नियमों के खिलाफ है।
  3. अनुभवी शिक्षकों की अनदेखी: जिन महाविद्यालयों में पिछले पाँच साल से परास्नातक (पोस्टग्रेजुएट) कक्षाएं चल रही हैं, वहाँ के शिक्षकों को प्राचार्य द्वारा जारी अनुभव प्रमाणपत्र के आधार पर मूल्यांकन का अधिकार दिया जाना चाहिए।

नए कुलपति के बाद भी क्यों जारी हैं समस्याएं?

डॉ. तिवारी ने माना कि नए कुलपति के आने के बाद विश्वविद्यालय में व्यवस्थाएं सुधरी हैं, लेकिन कुछ कर्मचारी अब भी प्रक्रियाओं को बिगाड़ने में लगे हुए हैं। शिक्षक संघ की स्पष्ट मांग है कि ऐसे "समस्या पैदा करने वाले" कर्मचारियों की पहचान करके उन्हें हटाया जाए और जिम्मेदारी दूसरों को सौंपी जाए।

आगे की कार्रवाई क्या होगी?

शिक्षकों ने अपने ज्ञापन में तत्काल तीन कदम उठाने की मांग की है:

  • मौजूदा मूल्यांकन प्रभारी को हटाकर किसी नए शिक्षक को यह जिम्मेदारी दी जाए।
  • बाहरी परीक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगाई जाए।
  • परास्नातक विषयों के अनुभवी शिक्षकों को उनके विषयों की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने दिया जाए।

परीक्षा नियंत्रक विनय कुमार सिंह ने शिक्षकों का ज्ञापन लेते हुए मामले की जाँच का आश्वासन दिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।


स्रोत: अवध विश्वविद्यालय शिक्षक संघ।

टिप्पणियाँ