अयोध्या: पीडीए सम्मेलन में भारी भीड़ पर भी छाई गुटबाजी, नेताओं में खींचतान! #5 *OPW*


सारांश:
अयोध्या के सहादतगंज स्थित मैरिज लॉन में रविवार को हुए सपा के पीडीए सम्मेलन में भारी भीड़ के बावजूद गुटबाजी और अनुशासनहीनता ने छाया रहा। महानगर अध्यक्ष श्यामकृष्ण श्रीवास्तव ने बैनर में फोटो न दिखने पर मंच से नाराजगी जताई, जबकि कुर्सियों को लेकर नोकझोंक हुई। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल।



अयोध्या: पीडीए सम्मेलन में भीड़ तो दिखी, लेकिन नेताओं की अनुशासनहीनता बनी चर्चा
सपा नेताओं में आपसी खींचतान और मंच पर हुए विवादों ने कार्यक्रम की चमक फीकी कर दी।

चलिए समझते हैं पूरा घटनाक्रम:
रविवार को अयोध्या के सहादतगंज स्थित एक मैरिज लॉन में समाजवादी पार्टी (सपा) ने पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) सम्मेलन का आयोजन किया। सांसद अवधेश प्रसाद की अध्यक्षता वाले इस कार्यक्रम में भारी संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे और सपा ने 2027 के विधानसभा चुनाव का आगाज भी कर दिया। लेकिन कार्यक्रम की सफलता पर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की अनुशासनहीनता भारी पड़ गई।

मंच पर ही क्यों भड़के विवाद?
सम्मेलन की शुरुआत से ही अफरा-तफरी का माहौल रहा। मंच पर कुर्सियों का बंटवारा आखिरी समय तक तय नहीं हो सका। बड़े नेताओं के अलावा फ्रंटल संगठनों और ब्लॉक स्तर के नेता मंच पर जगह पाने को लेकर भटकते रहे। इसी दौरान सपा महानगर अध्यक्ष श्यामकृष्ण श्रीवास्तव ने नीचे से ललकारते हुए नाराजगी जताई कि बैनर में महानगर कमेटी के नेताओं की फोटो नहीं दिख रही। उन्होंने कहा, "आखिर कहां पर है महानगर? ये महानगर की इज्जत हो रही है!"

पूर्व मंत्री का जवाब और वायरल वीडियो:
श्रीवास्तव के बयान पर पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय ने जोरदार जवाब दिया: "है तो तीन फोटो, लगी तो है! चिल्लाना हो तो चले जाओ!" इस नोकझोंक का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिस पर सत्तारूढ़ दल के लोग भी चुटकी ले रहे हैं। वहीं, सपा नेता राघवेंद्र सिंह अनूप का भाषण भी वायरल हुआ, जिसमें वे पिछले दिनों हुए अपमान पर प्रतिक्रिया देते दिखे।

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भीड़ जुटाने में किसने दिखाई ताकत?
अनुशासनहीनता के बावजूद सम्मेलन में भारी भीड़ ने सपा के संगठनात्मक दमखम का एहसास कराया। अयोध्या विधानसभा क्षेत्र से पूर्व मंत्री पवन पांडेय के नेतृत्व में जनसैलाब उमड़ा। दर्शननगर से क्षेत्र अध्यक्ष रक्षाराम यादव के साथ युवाओं का बड़ा समूह ट्रैक्टर, मोटरसाइकिल और वाहनों के काफिले के साथ पहुंचा। वहीं, बीकापुर से अनूप सिंह ने भी भारी संख्या में लोग जुटाकर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।

सवर्ण नेताओं का दबदबा, लेकिन छाई गुटबाजी:
हालांकि यह पीडीए सम्मेलन था, लेकिन पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक नेताओं के मुकाबले सवर्ण नेताओं ने ज्यादा दमखम दिखाया। पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय, राघवेंद्र सिंह अनूप और अनिमेष प्रताप सिंह जैसे बड़े नेता सम्मेलन की सफलता को लेकर उत्साहित थे। मगर गुटबाजी और आपसी खींचतान ने पार्टी की छवि पर फिर से सवाल खड़े कर दिए।

निष्कर्ष:
सपा ने अयोध्या में भव्य जनसभा के जरिए 2027 का पैगाम देने की कोशिश की, लेकिन मंच पर हुई अनुशासनहीनता और नेताओं के बीच खुली नोकझोंक ने कार्यक्रम की सफलता पर पानी फेर दिया। इससे विपक्ष को भी आलोचना का मौका मिल गया। अब देखना होगा कि सपा आगामी चुनावों से पहले अपनी आंतरिक एकजुटता बनाए रख पाती है या नहीं।

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