कृषि विवि में प्रो. जगदीश बोले: "भविष्य सुरक्षित बनाना ही जीवन का मुख्य उद्देश्य" #4 *OOO*
सारांश:
यूजीसी के पूर्व चेयरमैन प्रो. एम. जगदीश कुमार ने आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में छात्रों से संवाद किया। उन्होंने जनसंख्या, जलवायु परिवर्तन और गरीबी जैसी चुनौतियों के समाधान के लिए शोध को ज़रूरी बताया। कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह ने विवि की 200+ नई प्रजातियों, धान अनुसंधान में अग्रणी भूमिका और 85% छात्रवृत्ति का ज़िक्र किया। सामुदायिक विज्ञान को यूजीसी-नेट में शामिल करने की मांग भी उठी।
रिपोर्ट : धर्मचंद मिश्रा
भव्य स्वागत के साथ शुरुआत
आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में यूजीसी के पूर्व चेयरमैन प्रो. एम. जगदीश कुमार का जलभरो समारोह के साथ भव्य स्वागत हुआ। कुलपति कर्नल डा. बिजेंद्र सिंह ने उन्हें स्मृति चिह्न और अंगवस्त्रम भेंटकर सम्मानित किया। इस मौके पर विवि के अधिष्ठाता, निदेशक, शिक्षक और 250 छात्र-छात्राएं मौजूद रहीं।
"संसाधन सीमित, भविष्य सुरक्षित करना ज़रूरी"
प्रो. जगदीश ने मुख्यअतिथि के तौर पर छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, "हमारा मुख्य लक्ष्य भविष्य को सुरक्षित, शांतिपूर्ण और सकारात्मक बनाना होना चाहिए।" उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि बढ़ती जनसंख्या और सीमित संसाधनों के बीच गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे लोगों तक संसाधन पहुँचाना ज़रूरी है। इसके लिए उन्होंने छात्रों से शोध के प्रति जिज्ञासु बनने और नवाचार पर ध्यान देने की अपील की।
महिला शिक्षा में बढ़त पर खुशी
प्रो. जगदीश ने एक सकारात्मक पहलू की ओर इशारा करते हुए कहा कि प्राथमिक से उच्च शिक्षा तक महिलाओं की भागीदारी तेज़ी से बढ़ी है, जो लैंगिक समानता की दिशा में अहम कदम है। उन्होंने छात्रों से असफलता से सीखने और सफल लोगों की जीवनी पढ़कर प्रेरणा लेने का भी सुझाव दिया।
विवि की उपलब्धियाँ: 200+ प्रजातियाँ और 85% छात्रवृत्ति
कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह ने बताया कि विवि ने शिक्षा, शोध और प्रसार के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है। नई शिक्षा नीति के तहत डिप्लोमा और वैल्यू एडेड कोर्स चलाए जा रहे हैं, ताकि छात्र स्वावलंबी बन सकें। विवि की खास उपलब्धियाँ:
- धान की ऐसी प्रजातियाँ विकसित की गईं जो जलभराव से लेकर शुष्क इलाकों तक में उगाई जा सकती हैं।
- आंवला और बेल की प्रजातियाँ पूरी दुनिया में मशहूर हैं।
- मुर्गी, मछली, बत्तख, गाय और भैंस पालन पर प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
- NAAC मूल्यांकन में उच्च ग्रेड मिलने के बाद विदेशी छात्रों की संख्या बढ़ी है।
- करीब 85% छात्रों को छात्रवृत्ति मिल रही है।
"सामुदायिक विज्ञान को यूजीसी-नेट में शामिल करें"
सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता डा. साधना सिंह ने एक अहम माँग रखी। उन्होंने कहा कि सामुदायिक विज्ञान (गृह विज्ञान का आधुनिक नाम) को यूजीसी-नेट परीक्षा और नौकरी विज्ञापनों में अलग विषय के तौर पर शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रो. जगदीश से इसके लिए समर्थन माँगा।
संवाद और भ्रमण का दौर
कार्यक्रम के दौरान प्रो. जगदीश ने छात्र-छात्राओं के साथ सीधा संवाद किया और उनकी शंकाओं का समाधान किया। इसके बाद उन्होंने विवि के विभिन्न प्रक्षेत्रों का भ्रमण किया और गायों को गुड़ खिलाया। डा. भगवानदीन ने धन्यवाद ज्ञापन किया, जबकि कार्यक्रम का संचालन डा. जेबा जमाल ने किया।
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