BREAKING - मथुरा: मिट्टी के टीले पर बने 8 मकान गिरे, 12 लोग दबे; 1 की मौत, खुदाई को बताया जिम्मेदार #6 *KHW*
सारांश:
मथुरा के गोविंद नगर में रविवार दोपहर 12 बजे मिट्टी के टीले पर बने 8 मकान अचानक गिर गए। 12+ लोग मलबे में दबे, जिनमें तोताराम सैनी (38) की मौत हो गई। पीड़ित के परिवार के मुताबिक, नीचे जेसीबी से हो रही खुदाई के कारण टीला धंसा। रेस्क्यू जारी, कई बच्चे-महिलाएं भी फंसे हैं।
चलिए समझते हैं पूरा घटनाक्रम
रविवार दोपहर मथुरा के गोविंद नगर इलाके में अचानक ज़ोरदार धमाके हुए। सेंट्रल कॉलोनी के सामने मिट्टी के एक ऊंचे टीले पर बने 8 मकान भरभराकर गिर गए। आसपास के लोगों ने बताया कि ऐसा लगा जैसे भूकंप आ गया हो। पलभर में ही मलबे में 12 से ज्यादा लोग दब गए। घटना की सूचना मिलते ही नगर निगम, प्रशासन और दमकल की टीमें मौके पर पहुंच गईं।
क्यों धंस गया मिट्टी का टीला?
परिवार के सदस्यों और प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, नीचे सुनील चेन के बाड़े में जेसीबी मशीन से मिट्टी की खुदाई चल रही थी। इसी कारण टीला अचानक धंस गया। तोताराम सैनी के भाई ने बताया, "नीचे की ओर मिट्टी खोदी जा रही थी। इसी वजह से ऊपर बने 4-5 मकान एक साथ गिरे।" गिरने वाले सभी मकान कच्ची सामग्री से बने थे, जिनकी छतें और दीवारें टूटकर बिखर गईं।
रेस्क्यू में मिला शव, कई अब भी फंसे
मलबे से निकाले गए तोताराम सैनी (38) को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके पिता बजरंग लाल सैनी ने बताया, "मेरा बेटा तो मर गया, लेकिन दो बेटियां अभी भी मलबे में दबी हैं। मेरा सब कुछ खत्म हो गया।" रेस्क्यू टीमें अब भी मलबा हटा रही हैं। पुलिस के अनुसार, कई छोटे बच्चे और महिलाएं भी फंसे हो सकते हैं।
अब क्या है स्थिति?
- समय: घटना दोपहर 12 बजे हुई, जब ज्यादातर लोग घरों में थे।
- जिम्मेदारी: परिवार ने नीचे हो रही खुदाई को हादसे का कारण बताया है।
- पीड़ितों का हाल: तोताराम के अलावा अन्य दबे लोगों की पहचान जारी है। प्रशासन परिवारों से गुमशुदा लोगों की सूची बना रहा है।
- कार्रवाई: मामले की जांच शुरू हो गई है। अधिकारी मौके पर निगरानी कर रहे हैं।
(स्रोत: प्रत्यक्षदर्शियों, पीड़ित परिवार और रेस्क्यू टीम के बयान)
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