गोरखपुर: सपा के नेता प्रतिपक्ष पर हमला, अंडे फेंके, गाड़ियों के शीशे तोड़े; अखिलेश बोले- "साजिश" #5 *OPPW*
सारांश:
बुधवार को गोरखपुर के नॉर्मल चौकी पर सपा नेता माता प्रसाद पांडेय व लाल बिहारी यादव के नेतृत्व में पदयात्रा कर रहे प्रतिनिधिमंडल पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने हमला किया। भीड़ ने अंडे फेंके, गाड़ियों के शीशे तोड़े। सपा नेताओं ने धरना दिया, पुलिस हस्तक्षेप के बाद 30 मिनट बाद यात्रा पूरी हुई। अखिलेश यादव ने हमले को "बड़ी साजिश" बताया।
चलिए समझते हैं पूरा घटनाक्रम
बुधवार को गोरखपुर में सपा के नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय और लाल बिहारी यादव के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल विरासत गलियारे में तोड़ी जा रही दुकानों से प्रभावित व्यापारियों से मिलने पदयात्रा पर निकला। नॉर्मल चौकी पहुँचते ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने रास्ता रोक दिया और "अखिलेश मुर्दाबाद" के नारे लगाए। इसी दौरान भीड़ में मौजूद अराजक तत्वों ने सपा नेताओं की गाड़ियों पर अंडे फेंके और कई वाहनों के शीशे तोड़ दिए।
क्यों बैठ गए सड़क पर सपा नेता?
हमले के बाद स्थिति बेकाबू हो गई। सपा नेता माता प्रसाद पांडेय सड़क पर बैठ गए और धरना देने लगे। उन्होंने आरोप लगाया, "प्रशासन को पहले ही सूचना दी गई थी, फिर भी जानबूझकर रास्ता रोका गया। जब तक रास्ता नहीं खुलेगा, हम आगे नहीं बढ़ेंगे।" इस दौरान सपा समर्थकों का जमावड़ा बढ़ने से तनाव और बढ़ गया।
पुलिस ने कैसे काबू किया हालात?
झड़प को देखते हुए पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप किया। भाजपा कार्यकर्ताओं को हटाकर सपा प्रतिनिधिमंडल को कड़ी सुरक्षा में आगे बढ़ाया गया। करीब 30 मिनट बाद पदयात्रा दोबारा शुरू हुई और नेताओं ने तय मार्ग (घंटाघर, पांडेय हाता, नखास चौक) से होते हुए प्रभावित व्यापारियों से बातचीत की।
भाजपा ने क्या कहा?
भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय ने सपा के दौरे को "राजनीति से प्रेरित" बताया। उनका कहना था, "जब सपा सत्ता में थी, तब गोरखपुर के व्यापारियों की उपेक्षा की गई। अब योगी सरकार शहर का विकास कर रही है, तो सपा बिना मुद्दे के माहौल बिगाड़ने आई है।"
अखिलेश यादव का जवाब
घटना के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट लिखकर हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने इसे "बड़ी साजिश" बताते हुए कहा कि सरकार जनता की आवाज दबाने पर तुली है। उनके ट्वीट ने राजनीतिक गलियारों में गर्मी ला दी।
अब क्या है आगे का रास्ता?
इस घटना ने गोरखपुर में सियासी तनाव बढ़ा दिया है। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर हमलावर होने के आरोप लगा रहे हैं। पुलिस ने अभी तक किसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की है, लेकिन जांच जारी है। व्यापारी मुआवजे को लेकर असमंजस में हैं, जबकि प्रशासन ने शांति बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।
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