अयोध्या: कृषि विवि में योग कार्यशाला, कुलपति बोले- "पूरी दुनिया अपना रही है योग" #5 *KJW*

[सारांश:]

अयोध्या स्थित आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में विश्व योग दिवस पर "योगासन, ध्यान एवं योगिक क्रियाओं" पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित हुई। कुलपति कर्नल डॉ. बिजेंद्र सिंह ने कहा कि योग से तन-मन स्वस्थ रहता है और बीमारियों से बचाव संभव है। राजस्थान से डॉ. रीतू मेहता व अयोध्या के डॉ. अनुराग सोनी ने प्राणायाम का प्रशिक्षण दिया। 200 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।



विश्व योग दिवस पर कार्यशाला का आयोजन

आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या में विश्व योग दिवस के मौके पर "योगासन, ध्यान एवं योगिक क्रियाओं" विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यक्रम का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति कर्नल डॉ. बिजेंद्र सिंह ने किया। इस दौरान विश्वविद्यालय के शिक्षकों, वैज्ञानिकों, कर्मचारियों और छात्र-छात्राओं समेत लगभग 200 प्रतिभागी मौजूद रहे।


कुलपति ने कहा: "योग अब वैश्विक पहचान"

कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह ने जोर देकर कहा कि आज न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया योग को अपना रही है। उन्होंने बताया कि योग के नियमित अभ्यास से न सिर्फ शारीरिक बीमारियों से बचा जा सकता है, बल्कि मानसिक संतुलन भी बना रहता है। उनका कहना था, "योग तन और मन दोनों को स्वस्थ रखने की कुंजी है।"


प्राणायाम पर विशेष प्रशिक्षण

कार्यशाला में राजस्थान से आईं योग प्रशिक्षक डॉ. रीतू मेहता और अयोध्या के डॉ. अनुराग सोनी ने प्राणायाम की बारीकियों पर व्याख्यान दिया। दोनों विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को योगासन, ध्यान और योगिक क्रियाओं का प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया। डॉ. रीतू मेहता ने कहा कि "योग एक ऐसी विद्या है जो इंसान को निरोगी जीवन दे सकती है। ग्रामीणों को भी रोजाना कुछ समय योग के लिए निकालना चाहिए।"


योग से बीमारियों से कैसे बचें?

प्रशिक्षण सत्र के दौरान योग के माध्यम से डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और तनाव जैसी बीमारियों से बचने के तरीकों पर विस्तार से चर्चा हुई। डॉ. अनुराग सोनी ने प्रतिभागियों को ध्यान और प्राणायाम की विभिन्न तकनीकें सिखाईं, जिनके नियमित अभ्यास से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।


विशेषज्ञों ने दिए व्यावहारिक टिप्स

कार्यशाला में डॉ. दिवाकर सिंह, डॉ. देवनारायण और डॉ. धीरेन्द्र ने भी योग से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर व्याख्यान दिए। छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. डी. नियोगी के संयोजन में आयोजित इस कार्यक्रम को सफल बनाने में आयोजक सचिव डॉ. दिवाकर सिंह ने अहम भूमिका निभाई। अंत में डॉ. रागिनी मिश्रा ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार जताया।

क्यों जरूरी है योग का अभ्यास?

इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य योग के प्रति जागरूकता बढ़ाना था। डॉ. रीतू मेहता ने बताया कि रोजाना 20-30 मिनट का योग अभ्यास भी जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने घोषणा की कि भविष्य में भी ऐसे आयोजन होते रहेंगे, ताकि योग को जन-जन तक पहुँचाया जा सके।


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