देवरिया : बकरीद पर 60 वर्षीय ने खुद की कुर्बानी दी, नोट में लिखा- "अल्लाह के नाम कर रहा हूँ कुर्बानी" #6 *JHW*

सारांश: 

देवरिया के उधोपुर गांव में ईश मोहम्मद (60) ने बकरीद (17 जून) को घर की झोपड़ी में चाकू से गला रेतकर खुद की कुर्बानी दे दी। उनके नोट में लिखा था—"मैं खुद को अल्लाह के नाम कुर्बान कर रहा हूँ।" गंभीर हालत में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज ले जाए गए, जहां उनकी मौत हो गई। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा—"इस्लाम में ऐसी कुर्बानी नाजायज है।"



चलिए जानते हैं पूरा घटनाक्रम

देवरिया जिले के गौरी बाजार थाना क्षेत्र स्थित उधोपुर गांव में बकरीद का दिन (17 जून) एक दुखद घटना में बदल गया। सुबह 10 बजे, ईश मोहम्मद (60) नमाज पढ़ने के बाद घर लौटे और सीधे बाहर बनी झोपड़ी में चले गए। करीब एक घंटे बाद, उनकी कराह सुनकर पत्नी हाजरा खातून दौड़ीं, तो देखा कि ईश का गला कटा हुआ है और चारपाई के आसपास खून बिखरा पड़ा है। पास ही एक चाकू पड़ा था।

क्या लिखा था नोट में?

घटनास्थल पर मिले नोट में ईश मोहम्मद ने साफ किया था—"इंसान बकरे को बेटे की तरह पालकर कुर्बान करता है। मैं खुद अपनी कुर्बानी अल्लाह रसूल के नाम कर रहा हूँ। किसी ने मेरा कत्ल नहीं किया।" उन्होंने यह भी लिखा कि उन्हें घर के बाहर खूंटे वाली जगह पर दफनाया जाए। पुलिस ने इस नोट को आत्मह्या का सबूत मानते हुए मामला दर्ज किया।

परिवार और आखिरी घंटों की कहानी

ईश मोहम्मद धार्मिक विचारों वाले शख्स थे और घर पर आटा चक्की चलाते थे। घटना से एक दिन पहले वे अंबेडकरनगर स्थित सूफी संत सैयद मखदूम अशरफ की दरगाह से लौटे थे। उनके तीन बेटे हैं—बड़े दो बेटे गांव में रहते हैं, जबकि सबसे छोटा मुंबई के ताज होटल में काम करता है। बकरीद के मौके पर दोनों बड़े बेटे गांव में ही थे।

धार्मिक नेता ने क्या कहा?

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने इस घटना पर सख्त प्रतिक्रिया दी—"इस्लाम में खुदकुशी की इजाजत नहीं। अल्लाह इंसान की कुर्बानी नहीं चाहता।" उन्होंने याद दिलाया कि बकरीद पर जानवरों की कुर्बानी का मकसद गरीबों की मदद करना है, जहां कुर्बानी के मांस का 33% हिस्सा जरूरतमंदों को दिया जाता है।

बकरीद और कुर्बानी के नियम

बकरीद (ईद-उल-अजहा) इस्लाम के दो प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन बकरे, ऊंट, भैंस या भेड़ की कुर्बानी जायज है, लेकिन बीमार या गर्भवती जानवरों की कुर्बानी निषिद्ध है। पैगंबर इब्राहिम और उनके बेटे इस्माइल की कुर्बानी की याद में मनाए जाने वाले इस पर्व को दुनिया भर के 1.9 अरब मुसलमान मनाते हैं।

देवरिया पुलिस ने मामले की जांच पूरी कर ली है और इसे आत्महत्या के रूप में दर्ज किया गया है।

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