अयोध्या : 40 करोड़ सरकारी ज़मीन घपला! फर्जी बैनामा रद्द, 2 अधिकारी घेरे में #6 *LKO*
सारांश:
अयोध्या में रमाकांत पांडे ने फर्जी दस्तावेज बनाकर 1 हेक्टेयर सरकारी ज़मीन (मूल्य ~40 करोड़) हथियाई। राजस्व परिषद की जांच के बाद बैनामा रद्द हुआ, कोतवाली में मुकदमा दर्ज। राजस्व निरीक्षक सुभाष चंद्र मिश्र व रवि प्रकाश श्रीवास्तव की संलिप्तता संदेह में। तहसीलदार धर्मेंद्र सिंह जाँच कर रहे। हैरानी की बात यह है कि यह धोखाधड़ी राजस्व विभाग की नाक के नीचे हुई। क्या इसमें आधिकारिक मिलीभगत थी, या शातिर फर्जीवाड़ा, यह अब जांच के बाद ही सामने आ सकेगा।
चलिए समझते हैं पूरा घटनाक्रम
अयोध्या में करोड़ों की सरकारी ज़मीन के साथ धोखाधड़ी का बड़ा मामला सामने आया है। रमाकांत नामक शख्स ने नकली कागज़ात तैयार करके करीब 1 हेक्टेयर सरकारी ज़मीन अपने नाम करवा ली, जिसका बाज़ारी मूल्य 40 करोड़ रुपये आँका जा रहा है। मामला उजागर होते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया।
कैसे काम किया फर्जीवाड़े का तंत्र?
रमाकांत ने ज़मीन को चार अलग-अलग प्लॉट में बाँटकर अयोध्या कोतवाली क्षेत्र के बाग बिजासी का पता इस्तेमाल किया। फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए उसने यह ज़मीन "बंजर भूमि" के रूप में अपने नाम ट्रांसफर करवा ली। हैरानी की बात यह है कि यह धोखाधड़ी राजस्व विभाग की नाक के नीचे हुई।
जांच में क्या खुलासा हुआ?
- बैनामा रद्द: राजस्व परिषद की जाँच के बाद फर्जी बैनामा निरस्त कर दिया गया।
- FIR दर्ज: अयोध्या कोतवाली में रमाकांत पांडे के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ।
- दो अधिकारी घेरे में: राजस्व निरीक्षक सुभाष चंद्र मिश्र और रवि प्रकाश श्रीवास्तव पर मिलीभगत का संदेह। दोनों के खिलाफ कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है।
अब क्या कर रहा है प्रशासन?
एसडीएम सदर राम प्रकाश तिवारी के मुताबिक, ज़मीन पर कब्ज़ा रोकने और रमाकांत की तलाश जारी है। जाँच की ज़िम्मेदारी तहसीलदार धर्मेंद्र सिंह को सौंपी गई है। प्रशासन यह भी पता लगा रहा है कि "कागज़ी हेराफेरी" के ज़रिए ऐसे और कितने मामले छिपे हुए हैं। पिछले वर्षों में भी सरकारी ज़मीनों को गायब करने के कई केस सामने आ चुके हैं।
आगे क्या होगा?
प्रशासन ने ज़मीन व्यापार से जुड़े दलालों और कागज़ात विशेषज्ञों से सहयोग माँगा है। रमाकांत की पहचान और ठिकाना अभी रहस्य बना हुआ है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इस घोटाले ने भू-अभिलेख प्रणाली में गंभीर खामियों को उजागर किया है, जिस पर तुरंत कार्रवाई ज़रूरी है।
DBUP इंडिया ब्यूरो
अयोध्या | 23 जून 2025
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