अयोध्या : 14 सरकारी अस्पतालों में बायोमेट्रिक हाजिरी शुरू, जुलाई का वेतन इसी पर निर्भर #5 *OPW*
सारांश:
अयोध्या के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सुशील कुमार बनियान ने जिले के 14 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (मिल्कीपुर, अमानीगंज, हैरिंगटनगंज सहित) पर बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली शुरू करने का आदेश दिया। एक सप्ताह में मशीनें लगेंगी और जुलाई का वेतन इसी आधार पर मिलेगा। पहले कर्मचारियों की अनियमित उपस्थिति से ग्रामीणों को परेशानी होती थी, अब इससे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की उम्मीद। मनमर्जी करने वाले तमाम कर्मचारी चिंतित।
चलिए समझते हैं पूरा निर्णय
अयोध्या जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सुशील कुमार बनियान ने बड़ा कदम उठाया है। जिले के 14 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) पर अब बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू की जाएगी। इनमें मिल्कीपुर, अमानीगंज, हैरिंगटनगंज जैसे प्रमुख केंद्र शामिल हैं।
आखिर क्यों लिया गया ये फैसला?
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत सुधारने के लिए यह कदम उठाया गया है। पहले चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी अक्सर ड्यूटी पर नहीं आते थे। कई बार बिना सूचना के गायब रहते थे, जिससे मरीजों को भारी परेशानी होती थी। सीएचसी केंद्रों पर सामान्य इलाज की सुविधाएं होने के बावजूद, स्टाफ की गैर-मौजूदगी के कारण ग्रामीण इन केंद्रों पर जाने से कतराते थे। नई व्यवस्था से अब उपस्थिति पर सख्त नजर रखी जा सकेगी।
क्या है नई व्यवस्था और समयसीमा?
डॉ. बनियान ने सभी सीएचसी अधीक्षकों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं:
- अगले एक सप्ताह में सभी 14 केंद्रों पर बायोमेट्रिक मशीनें लगाई जाएंगी।
- चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को जुलाई का वेतन सीधे इसी उपस्थिति रिकॉर्ड के आधार पर मिलेगा।
यानी अगर आप ड्यूटी पर नहीं आए, तो वेतन कटेगा!
कर्मचारियों पर क्या पड़ेगा असर?
इस आदेश के बाद से अनियमित रूप से काम पर न आने वाले कर्मचारियों में खलबली मची है। कुछ कर्मचारियों ने बताया कि डॉ. बनियान के जिले में आने के बाद से सरकारी और निजी अस्पतालों में अनुशासन बढ़ा है। हालांकि, वे इस नई व्यवस्था को लेकर चिंतित भी हैं क्योंकि अब उनकी हाजिरी सीधे वेतन से जुड़ेगी।
ग्रामीणों को क्या मिलेगा फायदा?
इस व्यवस्था से ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा सुधार आने की उम्मीद है:
- अब मरीजों को खाली हाथ लौटने की नौबत नहीं आएगी।
- केंद्रों पर नियमित स्टाफ मिलने से ग्रामीणों का भरोसा बढ़ेगा।
- यदि यह पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा, तो जिले के अन्य अस्पतालों में भी इसे लागू किया जा सकता है।
डॉ. बनियान का यह फैसला स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। ग्रामीण अब बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की उम्मीद कर सकते हैं।
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