अयोध्या जेल परिसर में महिला सिपाही की संदिग्ध मौत, कमरे में लटका मिला शव #3 *HJW*
सारांश:
अयोध्या मंडल कारागार में तैनात महिला आरक्षी शांति यादव (27) का शव शनिवार दोपहर सरकारी क्वार्टर में दुपट्टे से लटका मिला। मूल रूप से जौनपुर की रहने वाली शांति छुट्टी से लौटी थीं लेकिन ड्यूटी पर नहीं पहुंचीं। पुलिस आत्महत्या मान रही, परिजनों की मौजूदगी में जांच जारी।
अयोध्या जेल परिसर में महिला आरक्षी की संदिग्ध मौत, जांच जारी
चलिए समझते हैं पूरा घटनाक्रम
अयोध्या मंडल कारागार में तैनात महिला आरक्षी शांति यादव (27) की शनिवार दोपहर संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उनका शव जेल परिसर में बने सरकारी क्वार्टर के कमरे में छत के कुंडे से दुपट्टे के सहारे लटका हुआ मिला। कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था।
शांति यादव मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले की रहने वाली थीं और सितंबर 2021 से अयोध्या जेल में बतौर आरक्षी तैनात थीं। वह एक दिन की छुट्टी लेकर अपने गांव गई थीं और को वापस अयोध्या लौटी थीं। लेकिन वापस लौटने के बावजूद उन्होंने अपनी दूसरी पाली की ड्यूटी (दोपहर 12:30 बजे) जॉइन नहीं की।
कमरे में मिली अकेली, दरवाजा अंदर से था बंद
शांति यादव जेल परिसर के सरकारी क्वार्टर में रेखा नाम की एक अन्य महिला आरक्षी के साथ रहती थीं। रेखा ने बताया कि वह सुबह 7:30 बजे ड्यूटी पर चली गई थीं और जब दोपहर में लौटीं तो दरवाजा अंदर से बंद था। काफी देर तक आवाज देने और प्रयास करने के बाद जब कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली तो अन्य लोगों को सूचना दी गई।
इसके बाद खिड़की तोड़कर जब कमरे में झांका गया तो शांति यादव का शव फंदे से लटका मिला। सूचना मिलते ही जेल प्रशासन और कोतवाली नगर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने तुरंत उनके परिजनों को फोन पर घटना की जानकारी दी।
आखिरी बार कब देखी गईं जीवित
सहकर्मी रेखा ने बताया कि शांति यादव रात में ड्यूटी करके सुबह 7:00 बजे कमरे पर आई थीं। दोपहर में उन्हें ड्यूटी पर रिलीफ के लिए पहुंचना था लेकिन वह समय पर नहीं आईं। उनका फोन भी बंद था। दोपहर 2:00 बजे जब रेखा कमरे पर लौटीं तो दरवाजा अंदर से बंद मिला।
मामला आत्महत्या का क्यों प्रतीत हो रहा
पुलिस का कहना है कि प्रथम दृष्टया यह मामला आत्महत्या का प्रतीत होता है। लेकिन अधिकारी हर पहलू की गहराई से जांच कर रहे हैं। फिलहाल, शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
अधिकारियों ने क्या कहा
उप महानिरीक्षक कारागार शैलेंद्र कुमार मैत्रेय ने बताया कि घटना की जानकारी परिजनों को दे दी गई है। परिजनों की मौजूदगी में कमरे का दरवाजा खोला गया और शव को बाहर निकाला गया। उन्होंने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी आवश्यक पहलुओं की जांच की जा रही है। कॉल डिटेल, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और सहकर्मियों के बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
क्या आगे खुल सकते हैं और भी तथ्य?
पुलिस द्वारा की जा रही जांच में यदि कॉल डिटेल्स, पोस्टमार्टम या सहकर्मियों के बयान से कोई नया सुराग सामने आता है तो यह मामला नया मोड़ भी ले सकता है। फ़िलहाल मामला आत्महत्या का माना जा रहा है लेकिन कोई भी ठोस निष्कर्ष जांच पूरी होने के बाद ही निकलेगा।
DBUP इंडिया, ब्यूरो अयोध्या
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