अयोध्या: बिजली कर्मचारियों के हड़ताल से अंधेरा, ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में बिजली व्यवस्था बिगड़ी #7 *OWE*
सारांश:
उत्तर प्रदेश पावर आउटसोर्स कर्मचारियों ने 20 मई से 72 घंटे का कार्य बहिष्कार शुरू किया। 45% छंटनी रोकने, 55 वर्षीय कर्मियों की बहाली और वेतन भेदभाव समाप्त करने की मांग। अयोध्या के ग्रामीण-शहरी इलाकों में बिजली व्यवस्था चरमराई, विभागीय अधिकारी शिकायत निवारण में असमर्थ। कर्मचारी मांग ना पूरी होने के कारण हड़ताल को मजबूर - वहीं जनता ज्यादातर क्षेत्रों में बिजली ना होने से परेशान।
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हड़ताल का कारण और घटनाक्रम
उत्तर प्रदेश के बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों ने 20 मई से 72 घंटे के कार्य बहिष्कार की शुरुआत की। यह निर्णय 15 मई को लखनऊ के शक्ति भवन पर हुए सत्याग्रह के बाद लिया गया, जहाँ प्रबंधन द्वारा मांगों पर ध्यान नहीं दिए जाने के विरोध में कर्मचारी सड़कों पर उतरे।
क्या हैं मुख्य मांगें?
1. 45% कर्मचारियों की छंटनी पर रोक लगाना।
2. 55 वर्ष की आयु के आधार पर हटाए गए कर्मचारियों को बहाल करना।
3. वेतन भुगतान में हो रहे भेदभाव को समाप्त करना।
4. मार्च 2023 में निकाले गए कर्मचारियों की बहाली, बकाया वेतन का भुगतान, ईपीएफ घोटाले की जांच और घायल कर्मचारियों का कैशलेस इलाज।
अयोध्या में बिजली व्यवस्था ठप
हड़ताल का सबसे तीव्र प्रभाव अयोध्या में देखा जा रहा है:
- ग्रामीण क्षेत्र: रूदौली, सैदपुर अमानीगंज, मिल्कीपुर, गोसाई गंज, कुमारगंज और सुजागंज में बिजली आपूर्ति बाधित।
- शहरी क्षेत्र: नियांवा, कौशलपुरी, देवकाली, नाका, सिविल लाइन और ट्रांसपोर्ट नगर में लोग अंधेरे में।
अधिकारी क्यों हैं लाचार?
कर्मचारियों की अनुपस्थिति में फॉल्ट दूर करने के लिए कोई विकल्प नहीं है। सुबह चली तेज आंधी ने बिजली लाइनों को नुकसान पहुंचाया, जिससे समस्या और बढ़ गई। उमस भरी गर्मी में लोग बिना बिजली के जूझ रहे हैं।
धरने में कौन-कौन शामिल?
विनोद कुमार श्रीवास्तव, रामदेव सिंह, राजकुमार और श्रीनाथ तिवारी समेत सैकड़ों संविदा कर्मचारी धरने पर डटे हैं। कर्मचारी संघ का कहना है कि प्रबंधन द्वारा बातचीत से इनकार करने पर हड़ताल लंबी हो सकती है।
आगे क्या होगा?
विभागीय अधिकारी अब तक कोई ठोस बयान जारी नहीं कर पाए हैं। हालांकि, स्थानीय प्रशासन ने बिजली बहाली के लिए वैकल्पिक व्यवस्था पर चर्चा शुरू की है। कर्मचारियों ने स्पष्ट किया है कि मांगें न माने जाने तक वे हड़ताल जारी रखेंगे।
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