उत्तर प्रदेश : पाकिस्तान तनाव के बीच 7 मई को मॉक ड्रिल, पूरे राज्य में अलर्ट #19 *IOQ*
सारांश:
भारत-पाक तनाव के बीच 7 मई को पूरे उत्तर प्रदेश सहित देश के 244 जिलों में मॉक ड्रिल हो रही है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा, उत्तर प्रदेश राज्य में सुरक्षा को देखते हुए 19 जिलों में अभ्यास होगा। पिछली बार ऐसा अभ्यास 1971 भारत-पाक युद्ध में हुआ था।
पाकिस्तान से तनाव के बीच यूपी में मॉक ड्रिल, अलर्ट मोड पर प्रशासन
चलिए समझते हैं पूरा घटनाक्रम
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने पूरे देश में 7 मई को मॉक ड्रिल कराने का निर्णय लिया है। इस निर्देश के तहत उत्तर प्रदेश पुलिस ने राज्य के 19 जिलों में मॉक ड्रिल आयोजित करने का फैसला लिया है।
उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने सोमवार को बयान देते हुए कहा –
हमें केंद्र सरकार से 19 जिलों में ड्रिल का निर्देश मिला था, सुरक्षा के व्यापक दृष्टिकोण से इसे लागू करने का निर्णय लिया है।
इस अभ्यास का उद्देश्य युद्ध जैसी आपात स्थिति में नागरिकों और प्रशासन की तत्परता की जांच करना है।
क्यों हो रही है यह मॉक ड्रिल?
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बड़ा आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई। इसके बाद भारत-पाक के बीच तनाव और अधिक बढ़ गया। इसी के मद्देनज़र सरकार संभावित खतरे से पहले तैयारी करना चाहती है।
इस अभ्यास के जरिए नागरिकों को सिखाया जाएगा कि एयर स्ट्राइक, बम धमाके या अन्य आपातकालीन स्थिति में उन्हें कैसे सुरक्षित रहना है।
मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट अभ्यास क्या होता है?
- मॉक ड्रिल: एक तरह की वास्तविक जैसी प्रैक्टिस होती है, जिसमें यह देखा जाता है कि कोई हमला होने पर प्रशासन और आम लोग कितनी जल्दी और सही ढंग से प्रतिक्रिया करते हैं।
- ब्लैकआउट एक्सरसाइज: इसमें तय समय के लिए सभी लाइटें बंद कर दी जाती हैं ताकि दुश्मन को निशाना लगाने में मुश्किल हो। इससे यह भी परखा जाता है कि अंधेरे में लोग किस तरह सतर्क रहते हैं।
पंजाब के फिरोजपुर में पहले ही हो चुकी है ब्लैकआउट ड्रिल
इस राष्ट्रीय मॉक ड्रिल से पहले पंजाब के सीमावर्ती जिले फिरोजपुर छावनी में रविवार-सोमवार रात ब्लैकआउट अभ्यास किया गया।
रात 9 बजे से 9:30 बजे तक गांवों और मोहल्लों की बिजली काट दी गई। साथ ही लगातार हूटर बजते रहे और प्रशासन ने लोगों से घरों में रहने की अपील की।
इतिहास में कब-कब हुए ऐसे अभ्यास?
- भारत में: 1971 में भारत-पाक युद्ध के समय आखिरी बार ऐसा व्यापक अभ्यास हुआ था।
- विदेशों में:
- अमेरिका (1952) में ‘डक एंड कवर’ नाम से देशव्यापी परमाणु हमले की मॉक ड्रिल हुई थी।
- कनाडा (1942) में ‘इफ डे’ के नाम से नकली नाजी हमला दर्शाया गया था।
- ब्रिटेन (1980) में ‘स्क्वेयर लेग’ नाम से फील्ड एक्सरसाइज हुई, जिसमें 150 परमाणु बम हमलों के आधार पर नागरिक सुरक्षा की तैयारी जांची गई।
उत्तर प्रदेश में क्या सावधानियां बरतनी होंगी?
- आम जनता को प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना चाहिए।
- मॉक ड्रिल के समय अफवाहों से बचें और सरकारी सूचना ही मानें।
- जिन क्षेत्रों में लाइट बंद की जा रही हो, वहां सतर्क रहें और आवश्यक वस्तुएं पहले से तैयार रखें।
निष्कर्ष
भारत की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और आम नागरिकों को युद्ध जैसी परिस्थितियों के लिए तैयार रखने के उद्देश्य से यह मॉक ड्रिल एक अहम कदम है। उत्तर प्रदेश की पुलिस और प्रशासन पूरे राज्य में इसे गंभीरता से लागू कर रहा है, जिससे किसी भी आपात स्थिति से निपटने में तत्परता साबित हो सके।
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DBUP India, Special Branch
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