अयोध्या: सपा पूर्व विधायक का 6 बीघा सरकारी कब्जा, हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, 10 दिन का दिया अल्टीमेटम #4 *OWE*
सारांश:
अयोध्या के मिल्कीपुर विधानसभा सीट से सपा के पूर्व विधायक आनंद सेन यादव पर 6 बीघा सरकारी ज़मीन (श्रेणी-1 राजकीय भूमि) का अवैध कब्जा करने का आरोप। हाईकोर्ट ने 10 दिन में कब्जा हटाने और प्रकरण निस्तारण का आदेश दिया। यादव ने 'किसान विद्यालय' के नाम फर्जी दस्तावेज बनवाकर 2019 से ज़मीन पर कब्जा जमाए रखा। प्रशासन ने ज़मीन को सरकारी खाते में वापस दर्ज किया।
(व्यक्तिगत फोटो उपलब्ध नहीं)
पूरा मामला क्या है?
अयोध्या के ग्राम अछौरा में 6 बीघा सरकारी ज़मीन को लेकर सपा के पूर्व विधायक आनंद सेन यादव और प्रशासन के बीच विवाद चल रहा है। राजस्व अभिलेखों के मुताबिक, यह ज़मीन श्रेणी-1 की राजकीय संपत्ति के तौर पर दर्ज थी, लेकिन यादव ने इसे 'किसान विद्यालय' के नाम से फर्जी दस्तावेज बनवाकर अपने कब्जे में ले लिया।
2019 से नोटिस भेज रहा था प्रशासन
चकबंदी अधिकारी (सदर, अयोध्या) ने वर्ष 2019 में ही इस मामले की जांच शुरू की थी। यादव को कई बार नोटिस भेजकर ज़मीन के दस्तावेज पेश करने और अपना पक्ष रखने को कहा गया, लेकिन किसी भी नोटिस का जवाब नहीं दिया गया। मामला उपसंचालक चकबंदी (अयोध्या) को सौंपा गया, जिन्होंने पुष्टि की कि ज़मीन सरकारी है।
हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, 10 दिन का दिया अल्टीमेटम
2024 में यादव ने प्रशासन के नए नोटिस को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में चुनौती दी। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए दो सख्त आदेश दिए:
1. यादव को एक सप्ताह के भीतर चकबंदी अधिकारी के समक्ष जवाब देना होगा।
2. राज्य सरकार को 10 दिनों में इस मामले का अंतिम निस्तारण करना होगा।
प्रशासन ने की कार्रवाई, ज़मीन हुई सरकारी खाते में वापस
हाईकोर्ट के आदेश के बाद डिप्टी डायरेक्टर चकबंदी (DDC), अयोध्या ने तत्काल कार्रवाई करते हुए 3 प्रमुख फैसले लिए:
1. 'किसान विद्यालय' के नाम दर्ज प्रविष्टि को रद्द किया गया।
2. 6 बीघा ज़मीन को राजकीय संपत्ति घोषित किया गया।
3. ज़मीन को सरकारी खाते में पुनर्दर्ज कर दिया गया।
अब भी ज़मीन पर बरकरार है कब्जा?
प्रशासन के दावे के बावजूद, आनंद सेन यादव ने अभी तक ज़मीन खाली नहीं की है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब प्रशासन याचिका का निस्तारण करने को तैयार है। राज्य सरकार की तरफ से डॉ. कृष्ण सिंह ने कोर्ट में पैरवी कर कहा कि कानूनी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और ज़मीन पर सरकार का हक साबित हो गया है।
खबर स्रोत: अयोध्या प्रशासन के दस्तावेज, हाईकोर्ट के आदेश और राजस्व अभिलेखों पर आधारित
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